संतुलन बनाए रखने का प्रयास
टीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “भाजपा ने इस आयोजन के लिए 18 से 25 वर्ष की उम्र के कम से कम 18,000 युवाओं को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा है। पार्टी को इनमें से 7,000 ऐसे युवाओं की तलाश है जो आपातकाल के पक्ष में भी बात कर सकें, ताकि मॉक संसद में संतुलित और दोतरफा बहस हो सके।
इतिहास से सबक जरूरी: भाजपा संगठन मंत्री
19 जून को ‘मॉक संसद’ को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय पर हुई बैठक में प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है। कांग्रेस सरकार ने देश पर आपातकाल थोपा था। युवाओं को इस ऐतिहासिक सत्य से अवगत कराना जरूरी है ताकि भविष्य में लोकतंत्र पर ऐसा संकट दोबारा न आए और देश के युवा सहित सभी नागरिक लोकतंत्र की मजबूती के लिए जागरूक रहें।
इन जिलों में होगा कार्यक्रम
यह कार्यक्रम मेरठ, झांसी, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़ और बरेली समेत नौ जिलों में आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में 80 से 100 प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, जिन्हें भाजपा युवा मोर्चा की एक समिति द्वारा चुना जाएगा। बता दें कि 21 महीने का आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक चला। इसे कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का हवाला देकर इंदिरा गांधी ने लागू किया था। इस दौरान विपक्षी दलों ने कांग्रेस शासन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किए।