सीएम योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण शरण सिंह की मुलाकात
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उनके सीएम योगी से संबंध 56 साल से हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि उतार-चढ़ाव जीवन में होता रहता है। 2023 जनवरी में जब से उन पर आरोप लगा था तब से उनकी CM योगी से कोई बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि जब उन पर आरोप लगा था तभी उन्होंने तय कर लिया था कि ये लड़ाई उनकी है और वह इसे लड़ेंगे।
गम-शिकवा शेयर किया- बृजभूषण शरण सिंह
सिंह ने कहा कि सीएम का 2023 में कार्यक्रम रद्द हुआ था तब ही से वह सीएम योगी से दूर हो गए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि जब सीएम योगी उन्हें बुलाएंगे तब ही वह उनसे मिलने जाएंगे। उन्होंने कहा कि सीएम योगी के बुलावे पर वह उनसे मिलने पहुंचे। इस मुलाकात में उन्होंने गम-शिकवा शेयर करने की बात कही। उन्होंने साफ किया कि उनकी और सीएम योगी की मुलाकात में कुछ भी पॉलिटिकल नहीं था। सियासी गलियारों में चर्चा है कि दोनों नेताओं के बीच काफी टाइम से बंद संवाद को फिर से शुरू यह मुलाकात कर सकती है। साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर दोनों को करीब लाने की कोशिश हुई है। जिससे पार्टी में एकजुटता का संदेश 2027 के विधानसभा चुनाव में जाए।
लोकसभा चुनाव में काट दिया गया था टिकट
बता दें कि बीजेपी के कई बार सांसद बृजभूषण शरण सिंह रह चुके हैं। इसके साथ ही सिंह WFI के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी सक्रिय भूमिका राम मंदिर आंदोलन में भी रही। उनका टिकट महिला पहलवानों के आरोपों के बाद बीते लोकसभा चुनाव में काट दिया गया था। हालांकि, उनके बेटे करण भूषण को टिकट मिला और उनकी चुनाव में जीत हुई थी।