प्रशासनिक हलचल तेज, अफसरों की बढ़ी बेचैनी
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के बाद कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है। मुख्यमंत्री की सख्ती को देखते हुए कई शीर्ष अधिकारियों को मौके पर भेजने की योजना बनाई जा रही है। बैठक में मुख्य सचिव मनोज सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश भी शामिल हैं।
माहौल गर्म, अफसरों की धड़कनें तेज
इस उच्चस्तरीय बैठक से प्रशासनिक गलियारों में खलबली मची हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ अधिकारियों पर योगी सरकार की कड़ी कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। बैठक के बाद कुछ बड़े प्रशासनिक फैसले लिए जाने की संभावना है। महाकुंभ 2025 को लेकर सीएम ने दिए निर्देश
महाकुंभ 2025 को लेकर भी मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और संगम नोज की ओर जाने से बचें। सीएम ने कहा, “माँ गंगा के जिस घाट के समीप आप हैं, वहीं स्नान करें। सभी श्रद्धालु अफवाहों से बचें और शांतिपूर्वक स्नान करें।”
सुरक्षा व्यवस्था होगी और कड़ी
महाकुंभ 2025 को लेकर प्रशासन की तैयारियों पर भी बैठक में चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया है कि भीड़ नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और हेलीकॉप्टर से निगरानी तेज की जाए। बस और रेल सेवाओं पर भी सख्ती
मौनी अमावस्या के अवसर पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कई बसों को सीमाओं पर ही रोक दिया है। लखनऊ से प्रयागराज जाने वाली बसों को रायबरेली और बछरावां में रोक दिया गया है। इसी तरह रेलवे ने भीड़ प्रबंधन के लिए कुछ ट्रेनों के संचालन पर रोक लगाई है।
क्या होगा बड़ा फैसला?
इस बैठक के बाद बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है। राज्य सरकार का पूरा ध्यान कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने पर है। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जल्द ही प्रशासनिक फेरबदल और कड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं।