यूपी ने एक्सप्रेस-वे बनाने की स्पीड को बढ़ा दिया है। प्रदेश में अभी 6 एक्सप्रेस-वे हैं। जिनमें सिर्फ एक NHAI ने बनाया है। बाकि सभी यूपीडा ने तैयार किए हैं। वहीं प्रस्तावित नौ एक्सप्रेसवे में से सात यूपीडा और दो एनएचएआई ( गोरखपुर-सिलीगुढ़ी एक्सप्रेसवे व गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे) तैयार करेगा। नौ नए एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद यूपी में एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 4374 किलोमीटर हो जाएगी। इस रिकार्ड के आसपास आने में भी अन्य राज्यों को कम से कम पांच वर्ष लग जाएंगे।
चित्रकूट से रीवा लिंक एक्सप्रेस वे, मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे और लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के अलावा गोरखपुर सिलीगुढ़ी एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं। इन एक्सप्रेसवे पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे।
रोजगार और औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
यूपीडा के एसीईओ ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश को हर जिले के साथ देश के हर हिस्से से जोड़ने की मंशा के तहत यूपी में एक्सप्रेसवे का निर्माण और तेज किया जा रहा है। नौ नए एक्सप्रेसवे इसी प्रक्रिया के तहत बनाने की तैयारी है। इनसे औद्योगिक विकास को तीव्र गति मिलेगी।
इन एक्सप्रेस वे पर शुरू है संचालन
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 24.53 किलोमीटर है। यमुना एक्सप्रेस-वे, 165 किमी., आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे, 302 किलोमीटर, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, 341 किमी. यह यूपी का अभी तक संचालित होने वाला सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, 296 किमी. मेरठ – दिल्ली एक्सप्रेसवे की लंबाई 96 किमी है।
यह हैं यूपी के निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे-91 किमी, गंगा एक्सप्रेसवे- 594 किमी, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे- 15.20 किमी, दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेसवे- 210 किमी, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे- 114 किमी, लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे-63 किमी, गंगा एक्सप्रेस वे यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनेगा। यह हैं यूपी के प्रस्तावित एक्सप्रेसवे
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे- 49.96 किमी, यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक बनेगा। फर्रुखाबाद – लिंक एक्सप्रेसवे 90.84 किमी गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे तक, जेवर लिंक एक्सप्रेसवे – 74.30 किमी, यमुना एक्स से गंगा एक्स वाया बुलन्दशहर, झांसी लिंक एक्सप्रेसवे- 118.90 किमी, विन्ध्य एक्सप्रेसवे – 320 किमी, मेरठ – हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे-120 किमी, चित्रकूट से रीवा लिंक एक्सप्रेसवे -70 किमी, गोरखपुर – सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- 519 किमी, गोरखपुर – शामली एक्सप्रेसवे- 700 किमी है।
औद्योगिक विकास में एक्सप्रेसवे का योगदान
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा राज्य में छह प्रमुख एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारों का विकास किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के लिए 5,500 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें गंगा, बुंदेलखंड, आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं, जिसके तहत अब तक 42 करोड़ रुपये की भूमि किसानों से खरीदी जा चुकी है। इस पहल का उद्देश्य पिछड़े गांवों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और वहां की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है ।
8 सालों में बढ़े 347 प्रतिशत रोजगार
राज्य सरकार की नीतियों के चलते पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDC) के प्रयासों से 2017-18 में 11,570 लोगों को रोजगार मिला था, जो 2024-25 में बढ़कर 51,761 तक पहुंच गया है, जो लगभग 347% की वृद्धि है। इसके अतिरिक्त, चित्रकूट धाम मंडल में 3,600 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की योजना के तहत स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस पहल के अंतर्गत अब तक 500 युवाओं को रोजगार प्राप्त हो चुका है।
रक्षा और तकनीकी उद्योग में विस्तार
उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) परियोजना ने महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, जिसमें 96% भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है। यह परियोजना लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट में फैली हुई है और इसका उद्देश्य राज्य को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है । इसके अलावा, नोएडा के पास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में HCL और Foxconn द्वारा एक सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित की जा रही है, जो प्रति माह 3.6 करोड़ डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन करेगी और लगभग 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी।