ई-रिक्शा ने दिलाई रफ्तार, 85% बाजार पर कब्ज़ा
ईवी क्षेत्र में यूपी की सफलता में सबसे बड़ा योगदान ई-रिक्शा का रहा है। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर जैसे शहरों की सड़कों पर दौड़ते ई-रिक्शा ने न केवल ईवी के उपयोग को बढ़ाया, बल्कि गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का जरिया भी बने। प्रदेश में बेचे गए कुल इलेक्ट्रिक वाहनों में 85% हिस्सा अकेले ई-रिक्शा का है।चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क पर भी बड़ा फोकस
सिर्फ वाहनों की बिक्री ही नहीं, बल्कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही में योगी सरकार ने 16 नगर निकायों में 300 से अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया है। इनमें सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशन अयोध्या में होंगे, जहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी आवाजाही रहती है।तीन स्तंभों पर टिकी है सफलता की रणनीति
ईवी निर्माण को प्रोत्साहनचार्जिंग नेटवर्क का विस्तार
जनमानस में ईवी अपनाने के प्रति जागरूकता विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में 2030 तक 10 करोड़ ईवी होने की संभावना है। हालांकि वर्तमान में एक चार्जर पर औसतन 135 ईवी हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक 6 से 20 वाहनों का है। इस खाई को पाटने में उत्तर प्रदेश तेजी से काम कर रहा है।