हीथ्रो से शुरू हुआ था सफर
यह विमान लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से सुबह करीब 10:30 बजे रवाना हुआ था। सामान्य रूप से इस उड़ान को 10 घंटे से ज्यादा का समय लगता है और यह रात में दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचती है। लेकिन गुरुवार को स्थिति कुछ अलग रही। जैसे ही फ्लाइट दिल्ली के नजदीक पहुंची, पायलट को ईंधन की स्थिति असामान्य लगी।
पायलट ने दिखाई सतर्कता, मांगी आपात लैंडिंग की अनुमति
पायलट ने तत्काल ATC को ईंधन की स्थिति से अवगत कराया। हालात को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने रात एक बजे विमान को इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति दी। यह निर्णय सुरक्षा मानकों के अनुसार त्वरित रूप से लिया गया ताकि किसी संभावित खतरे को टाला जा सके।
लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात की गई सारी व्यवस्थाएं
जैसे ही लखनऊ एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की सूचना मिली, प्रशासन हरकत में आ गया। फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। एटीसी की गाइडेंस में विमान ने सावधानीपूर्वक रनवे पर लैंडिंग की। यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ और विमान को सुरक्षित रूप से टैक्सीवे पर ले जाया गया।
ईंधन भरने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुआ विमान
विमान को टैक्सीवे पर रोका गया और उसमें आवश्यक मात्रा में ईंधन भरा गया। यात्रियों को विमान से बाहर नहीं निकाला गया और सभी यात्रियों ने विमान में ही इंतजार किया। ईंधन भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विमान पुनः दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया। लगभग तीन घंटे के अंतराल के बाद विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर सकुशल उतरा।
यात्रियों की जुबानी: डर और राहत की दोहरी भावना
विमान में सवार यात्रियों ने बताया कि जब उन्हें यह सूचना दी गई कि विमान लखनऊ में उतारा जाएगा, तो वे घबरा गए। एक यात्री ने कहा, “हम सोच रहे थे कि दिल्ली पहुंचने वाले हैं, तभी अचानक लखनऊ लैंडिंग की बात कही गई। सभी को डर लगने लगा कि कहीं कोई तकनीकी खराबी तो नहीं हो गई। जब पायलट ने बताया कि ईंधन कम है, तो स्थिति और भी गंभीर लगने लगी।” हालांकि, लैंडिंग के बाद जब सब कुछ सामान्य रहा और विमान फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार हुआ, तब यात्रियों ने चैन की सांस ली। कई यात्रियों ने पायलट और एयरलाइन की तत्परता की सराहना की।
एयरलाइन का बयान
वर्जिन अटलांटिक एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह एक मानक सुरक्षा प्रक्रिया थी और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। “हमारे पायलट ने ईंधन की स्थिति का आंकलन कर के सुरक्षा नियमों के तहत लखनऊ एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की। यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया।” विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं दुर्लभ होती हैं, लेकिन हर एयरलाइन की SOP (Standard Operating Procedure) में इसका समाधान मौजूद होता है। विमान के पास सुरक्षित लैंडिंग के लिए न्यूनतम ईंधन रिजर्व हमेशा रखा जाता है। यदि किसी कारणवश उड़ान में देरी होती है या मौसम बाधा डालता है, तो ईंधन की गणना दोबारा की जाती है।
एयरपोर्ट प्रशासन की सक्रियता रही अहम
लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन की तत्परता ने भी इस घटना को सफलतापूर्वक संभालने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। रनवे पर आपात व्यवस्था पहले से ही तैयार कर ली गई थी। फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और सुरक्षा कर्मी अलर्ट पर रहे।
यात्रियों को मिली सीख और चेतावनी
हाल की कुछ विमान दुर्घटनाओं के चलते यात्रियों के मन में डर बना रहता है। ऐसे में इस तरह की आपात लैंडिंग की स्थिति में पारदर्शिता और सूचना की स्पष्टता यात्रियों के डर को कम करने में सहायक हो सकती है।