scriptIAS Corruption Case: आईएएस अभिषेक प्रकाश पर सोलर घूसकांड में चार्जशीट, जांच शुरू | IAS Corruption Case: Suspended IAS Officer Abhishek Prakash Faces Chargesheet in Solar Company Bribery Case | Patrika News
लखनऊ

IAS Corruption Case: आईएएस अभिषेक प्रकाश पर सोलर घूसकांड में चार्जशीट, जांच शुरू

IAS Abhishek Prakash: उत्तर प्रदेश में सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। उन्हें नियुक्ति विभाग ने चार्जशीट भेजी है। आरोपों की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

लखनऊMar 31, 2025 / 08:41 am

Ritesh Singh

इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ पर लगे गंभीर आरोप, भ्रष्टाचार की जांच शुरू

इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ पर लगे गंभीर आरोप, भ्रष्टाचार की जांच शुरू

IAS Abhishek Prakash Corruption Case: उत्तर प्रदेश में सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ सरकार ने चार्जशीट भेज दी है। नियुक्ति विभाग ने उनसे आरोपों पर जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद विभाग जांच अधिकारी नियुक्त करेगा, जो इस मामले की विस्तृत जांच करेगा।
यह भी पढ़ें

 Lucknow निर्वाण आश्रय केंद्र में बड़ा खुलासा: बिना लाइसेंस चल रहा था मेस, 5 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में

2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी में प्लांट लगाने वाली कंपनी से दलाल के जरिए 5 प्रतिशत रिश्वत मांगी थी। इस मामले में गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उनके करीबी निकांत जैन को भी आरोपी बनाया गया।

चार्जशीट में क्या हैं आरोप

चार्जशीट में सरकार ने सोलर कंपनी द्वारा लगाए गए आरोपों पर विस्तृत जवाब मांगा है। नियमों के मुताबिक, किसी भी आईएएस अधिकारी को अधिकतम दो साल तक भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया जा सकता है। इस अवधि में आरोपों की जांच अनिवार्य होती है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नियुक्ति विभाग जल्द ही इस मामले की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगा, जो एक सेवानिवृत्त आईएएस या न्यायिक अधिकारी हो सकता है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

कब और कैसे उजागर हुआ मामला

एसएईएल नाम की सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने सरकार से शिकायत की थी कि यूपी में यूनिट लगाने की अनुमति के लिए उन्हें 5 प्रतिशत रिश्वत देने को कहा गया था। इस मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल जांच के आदेश दिए।
यह भी पढ़ें

नगर निगम में फिजूलखर्ची पर रोक: लग्जरी गाड़ियां हटेंगी, अफसर अब बोलेरो में चलेंगे

जांच में सामने आया कि इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश पर रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया गया। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और विभागीय जांच शुरू कर दी गई।

सख्त कार्रवाई की तैयारी

राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हुए है। भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। अगर जांच में अभिषेक प्रकाश दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

क्या कहता है नियम

  • आईएएस अफसर को भ्रष्टाचार के मामले में अधिकतम दो साल के लिए निलंबित किया जा सकता है।
  • गैर-भ्रष्टाचार मामलों में निलंबन की अधिकतम अवधि एक वर्ष होती है।
  • इस अवधि में जांच पूरी करना अनिवार्य होता है।

भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की कड़ी नजर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में बेहद सख्त मानी जाती है। पिछले कुछ वर्षों में यूपी में कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिन पर कार्रवाई भी हुई है।
यह भी पढ़ें

 यूपी सरकार का बड़ा फैसला: अब 6 साल की उम्र पूरी करने की नई डेडलाइन तय,जानें पूरी डिटेल

सोलर कंपनी रिश्वत कांड से पहले भी कई आईएएस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर गड़बड़ियों के आरोप लग चुके हैं। इन मामलों में सख्त कदम उठाते हुए योगी सरकार ने दोषियों को दंडित किया है।

भविष्य में क्या होगा

चार्जशीट का जवाब आने के बाद नियुक्ति विभाग इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त करेगा। अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार निर्णय लेगी कि अभिषेक प्रकाश पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर वह दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी जैसी कड़ी सजा भी दी जा सकती है।

Hindi News / Lucknow / IAS Corruption Case: आईएएस अभिषेक प्रकाश पर सोलर घूसकांड में चार्जशीट, जांच शुरू

ट्रेंडिंग वीडियो