पूरा मामला
गाजीपुर जिले के सैदपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे सुभाष पासी ने मुम्बई के जुहू में अपना ठिकाना बना रखा था। उसकी मुलाकात हरदोई के चंद्र प्रकाश गुप्ता से हुई थी, जो उसके पड़ोसी अक्षय अग्रवाल के माध्यम से परिचित हुआ था। सुभाष पासी ने उन्हें बताया था कि वह प्रॉपर्टी का काम करता है और मुंबई के आराम नगर इलाके में एक फ्लैट उपलब्ध है। उसने इस फ्लैट को ढाई करोड़ रुपये में बेचने का प्रस्ताव दिया।
चंद्र प्रकाश गुप्ता ने इस प्रस्ताव को रुचि गोयल (जो कि आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की बहन हैं) के साथ साझा किया। इसके बाद, चंद्र प्रकाश गोयल के साथ मुंबई आए और यहां रुचि गोयल को सुभाष पासी और उसकी पत्नी रीना के साथ मिला। रुचि गोयल ने सुभाष और रीना को 49 लाख रुपये का चेक दिया, जिसे रीना ने अपने अकाउंट में जमा कर लिया और रकम निकाल ली। कुछ समय बाद, सुभाष और रीना ने रुचि गोयल को फ्लैट के फर्जी कागजात थमा दिए, जिससे वह ठगी का शिकार हो गईं। इससे पहले, अक्षय अग्रवाल ने भी सुभाष पासी और उसकी पत्नी के खिलाफ फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस कार्रवाई: हरदोई पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पूर्व विधायक सुभाष पासी को मुम्बई से गिरफ्तार किया। एसपी हरदोई नीरज जादौन ने बताया कि सुभाष पासी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उसकी पत्नी रीना की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
पूर्व विधायक सुभाष पासी की राजनीति: सुभाष पासी गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा से दो बार विधायक रह चुका है। 2022 में उसने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गया था। ठगी के इस मामले ने उसकी छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना न केवल सुभाष पासी की राजनीतिक छवि को धक्का पहुंचाती है, बल्कि यह एक गंभीर धोखाधड़ी के मामले के रूप में सामने आई है, जिसमें एक मंत्री की बहन भी ठगी का शिकार हुई। पुलिस अब इस मामले की पूरी तहकीकात कर रही है और आरोपी की पत्नी रीना की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।