scriptWeather Warning: मानसून का कहर: बारिश-बिजली से 14 मौतें, 47 जिलों में रेड अलर्ट | Monsoon Fury: 14 Dead as Heavy Rain and Lightning Batter State; Red Alert in 47 Districts | Patrika News
लखनऊ

Weather Warning: मानसून का कहर: बारिश-बिजली से 14 मौतें, 47 जिलों में रेड अलर्ट

Weather Emergency: मानसून ने भीषण तबाही मचाई है। बीते 24 घंटे में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से 14 लोगों की मौत हो चुकी है। चित्रकूट में रिकॉर्ड 141.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि 47 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।

लखनऊJul 13, 2025 / 02:08 pm

Ritesh Singh

Heavy Rain, Lightning Strike, Weather Alert फोटो सोर्स : Social Media

Heavy Rain, Lightning Strike, Weather Alert फोटो सोर्स : Social Media

Weather Climate Crisis Red Alert: उत्तर प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाया है। बीते 24 घंटों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है। कई स्थानों पर जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है, वहीं सड़कों, खेतों और रिहायशी इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 47 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

आंकड़ों में कहर: 54 जिलों में औसत 13.4 मिमी बारिश

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटे के भीतर राज्य के 54 जिलों में औसतन 13.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 21% अधिक है। कई स्थानों पर जलभराव और निचले इलाकों में पानी भर जाने से आवागमन बाधित हो गया है। चित्रकूट जिले में रिकॉर्ड 141.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो इस मानसून सीजन की सबसे भारी वर्षा में से एक है। वहीं लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, सुल्तानपुर, बस्ती, फैज़ाबाद, रायबरेली जैसे कई जिलों में तेज बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं सामने आई हैं।
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 47 जिलों में रेड अलर्ट, 18 में ऑरेंज अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी ताजा बुलेटिन में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के 47 जिलों में अगले 24 से 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, चित्रकूट, बांदा, बहराइच, श्रावस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, और बलरामपुर जैसे जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं।

आकाशीय बिजली से 14 मौतें, दर्जनों घायल

प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान बिजली गिरने से हुआ, जिससे विभिन्न जिलों में 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मरने वालों में बच्चे, किसान, और मवेशी चरा रहे लोग शामिल हैं।
  • कुशीनगर में 3 लोग,
  • बाराबंकी में 2,
  • फतेहपुर में 2,
प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, बहराइच और कानपुर देहात में भी मौतें दर्ज की गई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि बिजली गिरने के खतरे को लेकर चेतावनी संदेश लोगों के मोबाइल पर भेजे जा रहे हैं और ग्रामीण इलाकों में प्रचार वाहन भी लगाए गए हैं।

जनजीवन प्रभावित, स्कूलों में छुट्टी

लगातार हो रही वर्षा के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या जैसे बड़े शहरों में सड़कें तालाब बन गई हैं। कई स्थानों पर बिजली के खंभे गिरने, पेड़ टूटने और यातायात ठप होने की खबरें हैं। अमेठी, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी सहित कई जिलों में स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह बिना आवश्यक कार्य के बाहर न निकलें।
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राहत और बचाव कार्य तेज

राज्य सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है। प्रभावित जिलों में त्वरित राहत कार्य जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता अविलंब प्रदान की जाए। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर, मोबाइल अस्पताल और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना, कड़े निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारिश और बिजली गिरने से हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को त्वरित सहायता पहुंचाने और घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। सीएम ने ट्वीट कर कहा, “प्रदेशवासियों से अपील है कि मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। प्रशासन पूर्ण रूप से सतर्क है। किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 112 या जिला प्रशासन से संपर्क करें।”

विशेषज्ञों की राय: जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की अत्यधिक वर्षा और बिजली गिरने की घटनाएं जलवायु परिवर्तन का संकेत हैं। सामान्य वर्षों की तुलना में इस बार मॉनसून की शुरुआत के साथ ही तीव्र वर्षा और आंधी-तूफान की आवृत्ति में वृद्धि देखी गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय के पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. एस.के. त्रिपाठी का कहना है कि “समय से पूर्व भारी वर्षा और बिजली गिरना, वैश्विक जलवायु असंतुलन का दुष्प्रभाव है। अब सरकार और आमजन दोनों को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति और अधिक जागरूक होना होगा।”
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क्या करें, क्या न करें, सावधानी ही सुरक्षा

  • तेज बारिश के समय पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे खड़ा न हों।
  • भीगे हुए इलाकों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल सीमित करें।
  • घर में इनवर्टर या बैटरी उपकरणों का अनावश्यक प्रयोग न करें।
  • सरकारी अलर्ट और चेतावनियों का पालन करें।
  • बच्चों और बुजुर्गों को बाहर न निकलने दें।

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