47 हजार नई लाभार्थियों को जोड़ा
इस तिमाही में 47,800 नई लाभार्थियों को भी पहली बार योजना से जोड़ते हुए राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी पात्र महिला लाभ से वंचित न रहे। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में 35,30,311 महिलाओं को यह लाभ मिला था, यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार की योजना विस्तार और समावेशन की दिशा में तेजी से अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही यह योजना पति की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट झेल रही महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक सहारा देती है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान के साथ जीवन जीने की शक्ति भी प्रदान करती है।
पारदर्शी तरीके से पहुंचा पैसा
यह योजना राज्य की उन महिलाओं के लिए है, जिनका जीवनसाथी अब इस दुनिया में नहीं रहा और जो स्वयं की आजीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं। योगी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि केवल वास्तविक जरूरतमंद महिलाएं ही इस योजना से लाभान्वित हों। इसके लिए सत्यापन की एक सशक्त और पारदर्शी प्रक्रिया तैयार की गई है। वर्तमान तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 28,56,821 महिलाओं को योजना का लाभ मिला है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 7,21,290 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
जानें क्या है पात्रता
निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत किसी भी महिला को लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ बुनियादी शर्तें निर्धारित की गई हैं। लाभार्थी महिला उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए, उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उसके पति की मृत्यु हो चुकी हो। साथ ही, परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए और वह किसी अन्य केंद्र या राज्य सरकार की पेंशन योजना से लाभ नहीं ले रही हो। आवेदन प्रक्रिया को भी सुनियोजित रूप से विभाजित किया गया है। आवेदन मिलने के बाद संबंधित विभाग 45 दिनों में दस्तावेजों की जांच करता है। उसके बाद खंड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी या नगर मजिस्ट्रेट स्तर पर 15 दिनों के भीतर अनुमोदन किया जाता है। इसके बाद जनपद स्तरीय अनुश्रवण व स्वीकृति समिति एक माह के भीतर अंतिम स्वीकृति देती है। अंतिम रूप से, एनआईसी और पीएफएमएस के सहयोग से पेंशन की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे योजना में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होती है।
महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक व पेंशन योजना के नोडल अधिकारी बीएस निरंजन ने बताया कि योगी सरकार की इस योजना का विशेष फोकस ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं पर है। इन क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि पात्र महिलाएं योजना से वंचित न रहें। हर ब्लॉक और तहसील स्तर पर नोडल अधिकारियों की तैनाती कर आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया गया है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 28,56,821 लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित हुई।