Yogi सरकार: आठ साल बेमिसाल – उत्तर प्रदेश बना उत्तम प्रदेश
तबादला सूची: कौन कहां पहुंचा
सरकार द्वारा जारी तबादला सूची में कई अहम नाम शामिल हैं। इनमें नितेश प्रताप सिंह को मुख्यमंत्री सुरक्षा लखनऊ से हटाकर बिजनौर भेजा गया है, जबकि राजीव प्रताप सिंह को लखनऊ से हमीरपुर स्थानांतरित किया गया है।इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण तबादले इस प्रकार हैं:
अंकित कुमार-1 को सुरक्षा मुख्यालय लखनऊ से हरदोई भेजा गया।आस्था जायसवाल को आगरा से आजमगढ़ स्थानांतरित किया गया।
संदीप कुमार वर्मा, रामकृष्ण चतुर्वेदी, महेंद्र सिंह देव, सुशील कुमार सिंह, डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह, और प्रशाली गंगवार को भी नई तैनाती दी गई है।

6 ट्रेनी पीपीएस अफसरों को मिली पहली तैनाती
योगी सरकार ने 6 प्रशिक्षु पीपीएस अधिकारियों की तैनाती भी तय कर दी है, जिससे वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। उनकी नियुक्तियां इस प्रकार की गई हैं:अरविंद सोनकर – अयोध्या
सच्चिदानंद सिंह – मैनपुरी
प्रगति चौहान – पीलीभीत
कृष्ण कान्त त्रिपाठी – बांदा
भूपेश कुमार पांडेय – आजमगढ़
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सरकार का उद्देश्य – कानून-व्यवस्था को और मजबूत करना
योगी सरकार लगातार प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रशासनिक फेरबदल करती रही है। पुलिस महकमे में इन तबादलों को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार इन तबादलों को जिलेवार अपराध दर, प्रशासनिक जरूरतों और अफसरों के कार्य प्रदर्शन के आधार पर तय करती है। नए नियुक्त अफसरों को कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू करने, अपराध नियंत्रण और जनता को बेहतर सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।कैसे होता है पुलिस अफसरों का तबादला
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में पीपीएस अफसरों का तबादला विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर किया जाता है, जिनमें अधिकारियों की कार्यकुशलता, मौजूदा जिले की कानून-व्यवस्था की स्थिति, और सरकार की प्राथमिकताएं शामिल होती हैं। इस प्रक्रिया में गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय की अहम भूमिका होती है।सोना पहुंचा रिकॉर्ड ऊंचाई पर, चांदी भी 1 लाख के पार
ट्रांसफर पॉलिसी का पालन किया गया
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन तबादलों में राज्य की ट्रांसफर पॉलिसी का पूरा पालन किया गया है। सरकार की मंशा है कि कुशल और सक्षम अफसरों को सही स्थान पर नियुक्त किया जाए ताकि वे अपने अनुभव और कार्यशैली से प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और मजबूत बना सकें।