मुख्यमंत्री ने कहा, “विकास का लाभ राजनीतिक सीमा से नहीं, स्थानीय ज़रूरतों के आधार पर तय किया जाए।” उन्होंने सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 2-3 योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित करने को कहा।
धार्मिक पर्यटन को स्थानीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने की रणनीति
मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन को स्थानीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने की दिशा में अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष प्रदेश के शीर्ष 50 धार्मिक स्थलों का चयन उनकी ऐतिहासिकता, महत्ता और श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर किया जाए और इन स्थलों को जोड़ने वाले सड़क मार्गों का सुदृढ़ीकरण प्राथमिकता पर हो।
पूर्व-पश्चिम के बाद अब उत्तर-दक्षिण जिलों को जोड़ने पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल, आगरा, यमुना, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे ने पूर्व-पश्चिम दिशा में राज्य को जोड़ा है, अब समय आ गया है कि उत्तर और दक्षिण जिलों को भी एकीकृत किया जाए, जिससे आंतरिक समरसता और गति को बढ़ावा मिले।
सड़कों पर गड्ढों की कोई जगह नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कहीं भी सड़कों पर गड्ढे नहीं दिखने चाहिए। ओवरस्पीडिंग और क्षतिग्रस्त सड़कें दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं, इसलिए डार्क स्पॉट चिन्हित कर वहां टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं। उन्होंने बाढ़ और जलभराव प्रभावित क्षेत्रों के लिए पूर्व-तैयारी की रणनीति अपनाने को कहा ताकि बरसात के बाद तुरंत कार्य शुरू हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नामित करने और साप्ताहिक समीक्षा की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया। साथ ही मासिक और द्वैमासिक बैठकों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य करने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दागी और संदिग्ध ठेकेदारों की पहचान कर उनके खिलाफ जांच व कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि “ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी ही टिकाऊ विकास की बुनियाद है।”