वायरल हुआ शर्मनाक वीडियो
घटना गोमतीनगर थाने की दीवार के ठीक बगल की बताई जा रही है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक युवक एक युवती के बाल पकड़कर उसे घसीट रहा है। उसके हाथ में हेलमेट है जिससे वह युवती को मारने की कोशिश करता दिखता है। पीड़िता अपने मोबाइल की मांग करती है लेकिन युवक उसकी एक नहीं सुनता और उसे घसीटता हुआ थाने के अंदर ले जाता है। वीडियो में एक पुलिसकर्मी भी दिखाई देता है, लेकिन वह सिर्फ मूकदर्शक की भूमिका में है। घटना के बाद सोशल मीडिया पर लखनऊ पुलिस को जमकर निशाने पर लिया गया कि इतनी गंभीर घटना थाने के सामने हुई और कोई सक्रिय कार्रवाई तत्काल क्यों नहीं हुई।
8 वर्षों का लिव-इन रिश्ता, अब पहुंचा थाने
थाना प्रभारी ब्रजेश चंद्र तिवारी ने जानकारी दी कि वीडियो में दिख रही युवती लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी है और आरोपी युवक का नाम शाहनवाज है। दोनों का पिछले आठ वर्षों से लिव-इन रिलेशनशिप रहा है। साथ ही दोनों का विवेक खंड में एक सैलून भी है, जिसे वे मिलकर संचालित करते थे। सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों के बीच हाल के महीनों में आर्थिक लेनदेन और व्यक्तिगत विवाद को लेकर तनाव बढ़ता चला गया था। युवती का आरोप है कि शाहनवाज ने उससे रुपए लिए लेकिन लौटाए नहीं, और शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए।
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16 जून को हुई थी मारपीट, तहरीर अब दी
प्रेमी और प्रेमिका के बीच 16 जून को ही मारपीट की यह घटना हुई थी, लेकिन उस समय युवती द्वारा कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई थी। बुधवार को वीडियो वायरल होने के बाद युवती ने गोमतीनगर थाने में लिखित तहरीर दी, जिसमें उसने शाहनवाज पर यौन शोषण, मारपीट, धमकी और आर्थिक ठगी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने युवती की तहरीर के आधार पर शाहनवाज के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 376, 504, 506 और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और आरोपी की तलाश जारी है।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह घटना थाने के ठीक सामने हुई, और वीडियो में पुलिसकर्मी मौजूद होते हुए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। लखनऊ पुलिस की ओर से अब यह कहा जा रहा है कि वीडियो पुराना है, और घटना के समय युवती ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। वीडियो सामने आने के बाद ही कार्रवाई की गई है। हालांकि, सवाल यह है कि अगर पुलिसकर्मी मौके पर था तो उसने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया? लिव-इन रिलेशनशिप और कानून
यह मामला समाज में लिव-इन रिलेशनशिप की बढ़ती स्वीकार्यता और उसके कानूनी पेचों को भी सामने लाता है। जब दो वयस्क अपनी मर्जी से एक साथ रहते हैं, तो उनके रिश्ते में उत्पन्न समस्याएं भी अक्सर जटिल होती हैं। इस मामले में महिला द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि बिना विवाह के ऐसे रिश्ते भावनात्मक और कानूनी दोनों स्तर पर संवेदनशील हो सकते हैं। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई पुरुष शादी का झांसा देकर बार-बार संबंध बनाता है, तो यह कानूनन बलात्कार की श्रेणी में आता है। इसके अलावा, आर्थिक शोषण और धमकी के मामलों में भी आरोपी पर सख्त धाराएं लग सकती हैं।
पर्सनल बनाम पब्लिक
सड़क पर हुए इस खुले संघर्ष ने यह भी दर्शा दिया कि जब व्यक्तिगत संबंध सार्वजनिक रूप से टूटते हैं, तो वे समाज में किस प्रकार की असहज स्थिति पैदा करते हैं। थाने जैसे संवेदनशील स्थल पर इस तरह की हिंसात्मक घटना यह भी दर्शाती है कि समाज में आपसी रिश्तों में सहनशीलता और सम्मान की कितनी कमी हो गई है। साइकोलॉजिस्ट डॉ. रुचि अग्रवाल कहती हैं, “लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े अगर मनमुटाव या अनबन के समय कानून या काउंसलिंग का सहारा नहीं लेते, तो स्थिति हिंसक हो सकती है। यह मामला उसी का उदाहरण है।”
क्या है आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है और युवती की मेडिकल जांच भी करवाई जा रही है। साथ ही, पुलिस शाहनवाज को गिरफ्तार करने के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। इस घटना को लेकर महिला आयोग और सामाजिक संगठनों की भी प्रतिक्रिया सामने आ सकती है।