‘इंटेलिजेंस की गहरी चूक है’, रामजीलाल सुमन पर हुए हमले के बाद प्रशासन पर भड़के अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर रविवार को गभाना टोल प्लाजा के पास करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने टायर फेंके। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इंटेलिजेंस की गंभीर विफलता करार दिया है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हुए टायर और पत्थर फेंकने की घटना एक सुनियोजित आपराधिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इतने सारे टायर एकत्रित करना और उनका एक साथ इस्तेमाल होना अपने आप में गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। उन्होंने इस पूरे मामले को इंटेलिजेंस की बड़ी चूक या फिर प्रशासन द्वारा जानबूझकर की गई अनदेखी बताया।
सरकार ने अराजकता के सामने घुटने टेक दिए हैं: अखिलेश
अपने बयान में अखिलेश यादव ने चेतावनी दी कि यदि शासन-प्रशासन ऐसे मामलों को जानते हुए भी अनदेखा करता रहेगा, तो अराजकता का दुष्प्रभाव सभी पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भाजपा और उसके सहयोगी भी ऐसे हिंसक तत्वों का शिकार बन सकते हैं। सपा प्रमुख ने सवाल उठाया कि क्या एक सांसद पर हुए जानलेवा हमले पर सरकार कोई संज्ञान लेगी या फिर दलित-पिछड़ा समुदाय के सांसद होने के कारण सरकार चुप्पी साधे रहेगी। अखिलेश ने सरकार की कार्यप्रणाली पर तंज कसते हुए कहा कि क्या अब बुलडोजर नीति कमजोर पड़ गई है या सरकार ने अराजकता के सामने घुटने टेक दिए हैं।
सपा सांसद ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा
सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने भी इस घटना को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि गभाना टोल प्लाजा पर पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं। बुलंदशहर में दलितों के खिलाफ अत्याचार की छह घटनाएं सामने आई हैं। रामजीलाल सुमन ने कहा कि नाबालिग दलित बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं, दलितों की बारातें रोकी जा रही हैं और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचार की एक सुनामी जैसी स्थिति बन गई है।
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