UP Farmers: किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की अनूठी पहल: विकसित कृषि संकल्प अभियान – सूर्य प्रताप शाही
UP Agriculture Revolution: उत्तर प्रदेश में किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया जा रहा है। अभियान के तहत 75 जिलों में 10,125 कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। अब तक 8.39 लाख किसान जागरूक हो चुके हैं। उन्नत बीज और तकनीकों की जानकारी देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य है।
फोटो सोर्स : Patrika : अब तक 8.39 लाख से ज्यादा किसान हो चुके हैं जागरूक, वैज्ञानिकों की टीम कर रही है किसानों का मार्गदर्शन
UP Farmers Update: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक नई क्रांति का द्वार खुल रहा है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025’ के माध्यम से राज्य सरकार ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, नवीनतम उपकरणों और समावेशी सरकारी योजनाओं से जोड़ने की व्यापक पहल शुरू की है। इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 मई को किया था। यह कार्यक्रम 12 जून 2025 तक जारी रहेगा। इस दौरान पूरे प्रदेश के 10,125 स्थानों पर किसान-वैज्ञानिक संवाद, प्रशिक्षण और मिनी किट वितरण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
राज्य कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार यह अभियान न केवल किसानों को तकनीकी रूप से समृद्ध बना रहा है, बल्कि कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के नए आयाम भी स्थापित कर रहा है। अब तक 4,959 कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 8,39,617 किसानों ने भागीदारी की है। 550 से अधिक वैज्ञानिकों ने इन कार्यक्रमों में भाग लेकर किसानों को तकनीकी जानकारी दी है।
केंद्रीय और राज्य मंत्री किसानों से सीधे ले रहे हैं फीडबैक
इस अभियान की खासियत यह है कि इसमें केवल विभागीय अधिकारी ही नहीं, बल्कि खुद केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य के मंत्रीगण भी सीधे किसानों से संवाद कर रहे हैं।
29 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अभियान का उद्घाटन किया।
1 जून को मेरठ के ग्राम दबथुआ में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य कृषि मंत्री ने किसानों से फीडबैक लिया और उनकी समस्याओं को समझा।
2 जून को हापुड़ के ग्राम पंचायत बनखण्डा में 500 से अधिक किसान पहुंचे। यहां भी अधिकारियों ने सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को दी।
राज्य के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के विभिन्न विभाग इस अभियान के तहत किसानों को नई-नई कृषि पद्धतियों से परिचित करा रहे हैं।
उन्नत बीजों का प्रयोग कैसे करें? सूक्ष्म सिंचाई पद्धति कैसे अपनाएं? जैविक खेती के क्या लाभ हैं? जल संरक्षण के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए? मिलेट्स (श्रीअन्न), दलहन, तिलहन और मूंगफली की नई किस्में क्या हैं?
इन सभी सवालों के उत्तर किसान प्रत्यक्ष रूप से वैज्ञानिकों से प्राप्त कर रहे हैं।
मिनीकिट वितरण: किसानों को दी जा रही व्यावहारिक सहायता
अभियान के तहत केवल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि 4,58,000 मिनीकिट्स के वितरण की भी तैयारी की गई है।
इनमें दलहन, तिल, मूंगफली और मिलेट्स (श्रीअन्न) के मिनीकिट्स शामिल हैं।किसानों को ये मिनीकिट्स मुफ्त में दिए जा रहे हैं ताकि वे नई किस्मों की बुवाई कर सकें।इससे किसानों को लागत में बचत होगी और उत्पादकता बढ़ेगी।
‘एक देश, एक कृषि और एक टीम’ भावना से संचालित अभियान
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि “योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश के किसानों को विश्वस्तरीय तकनीकों से लैस करना है। ‘एक देश, एक कृषि और एक टीम’ की भावना के साथ हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई किसान तकनीकी जानकारी से वंचित न रहे।”
अभियान में सभी कृषि योजनाओं को समावेशित किया गया है।
जनप्रतिनिधियों को भी अर्धशासकीय पत्र भेजकर कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया गया है।
पंचायत स्तर तक किसानों को अभियान की जानकारी दी जा रही है।
इसमें कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों के साथ-साथ न्याय पंचायत स्तर के अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।
प्रदेशभर में आयोजित कार्यक्रमों में किसानों का उत्साह देखते ही बनता है। बहराइच, देवरिया, मेरठ, हापुड़, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, झांसी जैसे जिलों में बड़ी संख्या में किसान कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।
अनेक किसानों ने बताया कि पहली बार इतनी गहराई से वैज्ञानिक जानकारी मिल रही है।
मिनीकिट्स की मदद से नई किस्मों को आजमाने का मौका मिल रहा है।
सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से समझ मिल रही है।