scriptVinay Shankar Tiwari Bail: सपा नेता विनय शंकर तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, 754 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में बड़ी राहत | Vinay Shankar Tiwari Bail: SP leader Vinay Shankar Tiwari gets bail from Allahabad High Court, big relief in 754 crore bank loan scam | Patrika News
लखनऊ

Vinay Shankar Tiwari Bail: सपा नेता विनय शंकर तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, 754 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में बड़ी राहत

Vinay Shankar Tiwari Lucknow Bench Bail news: समाजवादी पार्टी के नेता विनय शंकर तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। बैंक ऑफ इंडिया के 754 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में फंसे तिवारी को 45 दिन बाद जमानत मिली है। उनके साथ कंपनी के डायरेक्टर अजीत पांडे को भी जमानत मिली है।

लखनऊMay 22, 2025 / 04:26 pm

Ritesh Singh

फोटो सोर्स: Google

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Vinay Shankar Tiwari Lucknow Bench Bail: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 45 दिन बाद उन्हें जमानत दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में ED ने आरोप लगाया है कि विनय शंकर तिवारी और उनके सहयोगी फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर बैंक ऑफ इंडिया के क्लस्टर से 754 करोड़ रुपए के लोन का दुरुपयोग किया।

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गिरफ्तारी का इतिहास और आरोप

विनय शंकर तिवारी को ED ने उनके लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के जनरल मैनेजर और उनके रिश्तेदार अजीत पांडे को भी महराजगंज से गिरफ्तार किया गया था। ED के अनुसार, दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये बैंक से भारी रकम का लोन लिया और उस पैसे का गलत उपयोग किया। इस मामले को लेकर ED ने उन्हें सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश किया था, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था।
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कोर्ट की सुनवाई और जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सिंगल बेंच के जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की अदालत में इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने ED की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए आरोपियों को जमानत दे दी। न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच की कुछ पहलुओं पर भी फटकार लगाई और कहा कि जांच पूरी निष्पक्षता से होनी चाहिए। इस आदेश के बाद विनय शंकर तिवारी और अजीत पांडे दोनों को जेल से रिहा कर दिया गया।
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विनय शंकर तिवारी की राजनीतिक मजबूत पकड़

विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और पूर्वांचल क्षेत्र में उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत मानी जाती है। वे बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं, जो अपनी मृत्यु से पहले उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व थे। विनय शंकर तिवारी भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए क्षेत्र में प्रभावशाली राजनीतिक भूमिका निभा रहे हैं। उनके खिलाफ आरोपों के बावजूद, उनके समर्थक उन्हें बेदाग बताते हैं और मानते हैं कि यह राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकता है।
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बैंक लोन घोटाले का मामला

इस केस में बैंक ऑफ इंडिया के क्लस्टर से 754 करोड़ रुपए के लोन का दुरुपयोग किया गया। ED के मुताबिक, इस रकम को फर्जी दस्तावेज के जरिये हड़प लिया गया था। यह लोन गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर लिया गया था, जो विनय शंकर तिवारी से जुड़ी कंपनी है। ED का आरोप है कि इस रकम का इस्तेमाल परियोजनाओं में नहीं किया गया, बल्कि इसे गलत तरीकों से उगाही के लिए इस्तेमाल किया गया। फिलहाल ED इस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई का इंतजार है।
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जांच की प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई

ED ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच जारी रखी है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी यह जांच रुकने वाली नहीं है। कोर्ट ने भी यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जांच निष्पक्ष और त्वरित हो। जांच एजेंसी ने अभी तक कई दस्तावेज जब्त किए हैं और गवाहों से पूछताछ की है। जल्द ही इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।
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राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रिया

विनय शंकर तिवारी को जमानत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि यह मामला राजनीतिक विरोधियों द्वारा रचा गया षड़यंत्र था और अब न्याय की जीत हुई है। वहीं, विपक्ष ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और जांच पूरी होने तक मामले को बंद नहीं करने की मांग कर रहे हैं।

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