CG Accident News: 123 हादसों में 81 की मृत्यु
2025 एनएच-53 पर दो माह में 25 दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 24 लोगों की मौत हो चुकी है और 58 लोग घायल हुए हैं। एनएच-353 पर 2025 में 17 दुर्घटनाएं हुई हैं और 9 लोगों की मौत हुई है। एनएच-53 पर सफर करना खतरनाक होता जा रहा है। जबकि, सबसे ज्यादा सुविधाएं फोरलेन पर ही दी जा रही हैं।
फोरलेन पर विश्राम गृह बने हुए हैं। जगह-जगह ले-बाय बने हुए हैं। जहां ट्रकों को खड़ा किया जा सकता है। इसके अलावा वाहनों की स्पीड के चेक करने के लिए भी यंत्र लगे हुए हैं। इसके बाद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है।
दो ही ब्लैक स्पॉट
एनएच-353 पर कोई विश्राम गृह नहीं है और न ही सड़क बहुत ज्यादा चौड़ी है। इसके बाद भी फोरलेन की तुलना में हादसे कम हैं। यातायात शाखा से मिली जानकारी के अनुसार
फोरलेन पर वाहनों का दबाव ज्यादा है। रोजाना हजारों की संख्या गाड़ियां चलती हैं। स्पीड और अनियंत्रित ड्राइविंग के कारण हादसे हो रहे हैं।
यातायात शाखा डीएसपी धनेंद्र ध्रुव ने बताया कि हादसों का सबसे बड़ा कारण ओवरस्पीड है। जहां पर स्पीड यंत्र लगे हुए हैं, वहां पर 100 किमी से ज्यादा प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर ही कार्रवाई हो सकती है। 100 से नीचे वाले वाहनों पर हम कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। पिछले दिनों एनएच-53 में जो दुर्घटना हुई थी, उसका मुआयना किया गया है।
दो माह में 53 लोगों की मौत
जिले में केवल दो ब्लैक स्पॉट हैं। कोडार काष्ठागार के पास व बागबाहरा के मौलीगुड़ा के पास ब्लैक स्पॉट है। जहां सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। हर साल ब्लैक स्पॉट बनाए जाते हैं और वहां रंबल स्ट्रीप, लाइट व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती है। कुछ ब्लैक स्पॉट को सूची से हटा दिया गया है। दो माह में सड़क दुर्घटनाओं में 53 लोगों की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार जनवरी माह में 60 दुर्घटनाओं में 39 मॄत और 85 घायल हुए हैं। फरवरी माह में 27
दुर्घटनाओं में 14 मृत और 47 घायल हुए हैं। लगातार सड़क हादसे में लोगों की जान जा रही है, लेकिन हादसों को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में ब्लैक स्पॉट की संख्या भी घटकर दो ही रह गई है। 2024 में भी कुल 471 दुर्घटनाए हुई थी। इसमें कुल 282 लोगों की मौत हुई।