झारखंडेश्वर महादेव मंदिर में बुजुर्ग महिला का शव मिलने से सनसनी: पुलिस जांच में जुटी
ATS को सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स के जरिए पाकिस्तान की महिला एजेंट से संपर्क में था। कई महीनों तक चली निगरानी के बाद एजेंसी ने रविंद्र सिंह और उसके एक साथी को धर दबोचा।
ATS की जांच में खुलासा हुआ कि रविंद्र सिंह एक महिला एजेंट के संपर्क में था, जिसने खुद को ‘नेहा शर्मा’ नाम बताकर उससे दोस्ती की थी। पहले तो वे सामान्य बातचीत करते थे, लेकिन धीरे-धीरे महिला ने उसे गोपनीय सूचनाएं जुटाने के लिए तैयार किया।
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महिला ने रविंद्र को लालच देकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां निकलवानी शुरू कर दीं। व्हाट्सएप चैट और फोन कॉल्स के जरिए रविंद्र ने कई संवेदनशील दस्तावेज और जानकारियां साझा कीं। ATS को आरोपी के फोन से कई महत्वपूर्ण चैट और गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिन्हें उसने पाकिस्तान भेजा था।आरोपी को पैसे का लालच देकर बनाया गया जासूस
ATS की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने पैसों के लालच में यह काम किया। उसे महिला एजेंट ने विश्वास दिलाया कि उसके बदले उसे भारी रकम दी जाएगी। ATS सूत्रों के मुताबिक, “आरोपी को ISI द्वारा वित्तीय मदद का लालच दिया गया था, जिससे वह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने को तैयार हो गया।” ATS अधिकारियों ने बताया कि “ऐसे मामलों में अक्सर दुश्मन एजेंसियां लोगों को पैसे और भावनात्मक जुड़ाव का लालच देकर जाल में फंसाती हैं।”अंसल कर्मचारियों ने सीएम को लिखा पत्र, सुरक्षा और न्याय की गुहार
ATS ने कैसे पकड़ा आरोपी
- ATS की टीम ने आरोपी की गतिविधियों पर महीनों से नजर बनाए रखी थी। एजेंसी ने उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, कॉल रिकॉर्ड और बैंक ट्रांजेक्शनों की जांच की।
- ATS ने आरोपी की चैट हिस्ट्री खंगाली, जिससे उसके पाकिस्तान की एजेंट से संपर्क होने की पुष्टि हुई।
आरोपी के फोन से मिले दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।
दूसरे गिरफ्तार आरोपी से भी पूछताछ की जा रही है कि वह किस हद तक इस साजिश में शामिल था।
ATS अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं।
ISI के निशाने पर भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां
- ISI लंबे समय से भारत की खुफिया जानकारी जुटाने के लिए विभिन्न तरीकों से जासूसी करवा रही है। हाल के वर्षों में कई मामलों में भारतीय नागरिकों को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे गोपनीय जानकारी निकलवाई गई है।
- सोशल मीडिया जासूसी: दुश्मन एजेंसियां सोशल मीडिया के जरिए भारतीय नागरिकों से संपर्क कर उन्हें जाल में फंसाती हैं।
- पैसे का लालच: आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को पैसे देकर उनसे संवेदनशील जानकारी निकलवाई जाती है।
- हनी ट्रैप: दुश्मन देश की महिला एजेंटों द्वारा लोगों को बहला-फुसलाकर जासूसी करने के लिए तैयार किया जाता है।
- इस तरह के मामलों में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिससे यह साफ होता है कि ISI लगातार भारत के खिलाफ साजिश रच रही है।
