scriptजानवरों से ज्यादा वन्यजीवों की मौत! करंट के जाल में फंसकर पांच साल में 19 की गई जान, जानें वजह… | More wildlife deaths than animals! 19 people died in five years | Patrika News
महासमुंद

जानवरों से ज्यादा वन्यजीवों की मौत! करंट के जाल में फंसकर पांच साल में 19 की गई जान, जानें वजह…

CG News: महासमुंद जिले के जंगलों की सुरक्षा में बरती जा रही कोताही, वन्यजीवों पर भारी पड़ रही है। शिकार करने के लिए आतुर शिकारी, जंगलों में करंट का जाल बिछा रहे हैं।

महासमुंदMay 01, 2025 / 04:47 pm

Shradha Jaiswal

जानवरों से ज्यादा वन्यजीवों की मौत! करंट के जाल में फंसकर पांच साल में 19 की गई जान, जानें वजह...
CG News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के जंगलों की सुरक्षा में बरती जा रही कोताही, वन्यजीवों पर भारी पड़ रही है। शिकार करने के लिए आतुर शिकारी, जंगलों में करंट का जाल बिछा रहे हैं। इन जालों में फंसकर वन्यजीवों की मौत के बाद ही जंगल विभाग को इसकी खबर मिलती है। पांच साल में करंट के जाल में फंसकर 19 वन्यजीवों ने जान गंवाई है।
वन विभाग, वन व वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। कोई घटना होने के बाद ही वन अमला सक्रिय होता है। जंगल में शिकारी ऐसी जगहों पर विद्युल पोलों से तार की खींचकर करंट का जाल बिछाते हैं, जहां पर पानी का स्त्रोत या वन्यजीवों की ज्यादा आवाजाही होती है। करंट के जाल से लोगों पर जान का खतरा रहता है।
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CG News; विशेष टीम बनाई गई

अभी तक शिकार करने के जितने भी मामले सामने आए, अधिकतर में जंगली सूअर के लिए ही करंट का जाल बिछाया गया था। फंस गए अन्य जीव। 2022-22 में करंट से जंगली सुअर, तेंदुआ, बायसन, भालू, सांभर की मौत हुई थी। 2022-23 में जंगली सूअर, 2023-24 में सामान्य मैना, जंगली सूअर और 2025-26 में गौर, तेंदुआ, चीतल, जंगली सूअर की मौत हुई है।
ज्यादातर वन्य जीवों का शिकार खाल, सिंग, दांत और हड्डी व चर्बी के लिए किया जाता है। वन्य विभाग द्वारा जगह-जगह चेक नाका तो बनाया जाता है। इसके बाद भी तस्करों द्वारा वन्य जीवों का शिकार किया जा रहा है। इसके अलावा मांस के लिए भी करंट का जाल बिछाया जाता है, जिसमें अन्य वन्य जीव शिकार हो जाते हैं।

जंगलों का सिमटता दायरा

पिछले पांच वर्षों में 2021-22 में सबसे ज्यादा 9 वन्य जीवों की मौत थी। 2022-23 में 6, वर्ष 2019 में 2 और 2020 में 10 वन्य जीवों की मौत हुई थी। उप वनमंडलाधिकारी डॉ. वेंकटेस ने बताया कि लगातार हो रहे शिकार को देखते हुए विशेष टीम बनाई गई है और जंगलों का निरीक्षण किया जा रहा है। वन्य क्षेत्रों में अभियान चलाया जा रहा है। जिससे जंगल के वन्य जीवों को सुरक्षा मिल सके।
जैसे-जैसे लोगों की आबादी बढ़ती जा रही है, वन्य जीवों के लिए जंगलों का दायरा छोटा होता जा रहा है। इस कारण वन्य जीव लगातार आबादी क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं। जंगलों में शिकार करने से जंगल का संतुलन बिगड़ जाता है और मानव और वन्य जीवों में संघर्ष होता है। गर्मी के सीजन में देखा जाए तो वन्यजीव पानी व चारा की तलाश में आबादी की तरफ बढ़ते हैं।

वर्ष शिकार

2021-22 9

2022-23 6

2023-24 0

2024-25 0

2025-26 4

कुल 19

मारपीट मामले में एफआईआर दर्ज

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