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मंदसौर

यहां बाल्यकाल से वृद्धावस्था तक जीवन का सार समझाते हैं बाबा पशुपतिनाथ

Sawan Somwar 2025: आज से सावन के हर सोमवार को पढ़िए हमारे शिवलिंगों की महिमा, क्योंकि ये सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं है, जीवन की शैली भी सिखाते हैं…नेपाल में पशुपतिनाथ, लेकिन एमपी में है बाबा पशुपतिनाथ की चारमुखी और अष्टमुखी प्रतिमा, इसके मुख में छिपा है जीवन का सार…

मंदसौरJul 14, 2025 / 08:10 am

Sanjana Kumar

Sawan Somwar Pashupatinath Temple Mandsaur MP

Sawan Somwar Pashupatinath Temple Mandsaur MP(फोटो सोर्स: पत्रिका)

Sawan Somwar 2025: शिवना नदी के किनारे विराजे भगवान पशुपतिनाथ…यूं तो नेपाल की राजधानी काठमांडू में बाबा पशुपतिनाथ हैं, लेकिन यहां बाबा की चार मुखी प्रतिमा है। इससे इतर मंदसौर में बाबा अष्टमुखी हैं। उनका हर मुख बाल्यकाल से वृद्धावस्था को बताता है। इसमें जीवन का सार छिपा है।

शिवलिंग के दर्शन करने उमड़ते हैं श्रद्धालु

आग्नेय शिला के दुर्लभ खंड पर 46 क्विंटल 65 किलो 525 ग्राम के शिवलिंग के दर्शन कर यही सार जानने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां महाशिवरात्रि, सावन और कार्तिक माह बेहद खास है। मंदिर के विशेष आयोजनों में आस्था उमड़ पड़ती है। श्रद्धा ऐसी कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां भोले की कृपा के लिए बरबस खिंचे चले आते हैं।

85 साल पहले शिवना की गोद से निकले

बाबा पशुपतिनाथ शिवलिंग के रूप में 85 साल पहले 19 जून 1940 को शिवना नदी से निकले। यह नदी के तट पर रखी रही। बाबा को सबसे पहले उदाजी धोबी ने नदी के गर्भ में दबी अवस्था में देखा था। तब से बाबा अष्टमुखी रूप में विराजित हैं।

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