शिवलिंग के दर्शन करने उमड़ते हैं श्रद्धालु
आग्नेय शिला के दुर्लभ खंड पर 46 क्विंटल 65 किलो 525 ग्राम के शिवलिंग के दर्शन कर यही सार जानने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां महाशिवरात्रि, सावन और कार्तिक माह बेहद खास है। मंदिर के विशेष आयोजनों में आस्था उमड़ पड़ती है। श्रद्धा ऐसी कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां भोले की कृपा के लिए बरबस खिंचे चले आते हैं।85 साल पहले शिवना की गोद से निकले
बाबा पशुपतिनाथ शिवलिंग के रूप में 85 साल पहले 19 जून 1940 को शिवना नदी से निकले। यह नदी के तट पर रखी रही। बाबा को सबसे पहले उदाजी धोबी ने नदी के गर्भ में दबी अवस्था में देखा था। तब से बाबा अष्टमुखी रूप में विराजित हैं।ये भी पढ़ें: बाढ़…बारिश से हाहाकार, 5 की मौत, IMD Alert in MP