‘होली की शुभकामनाएं दें, मुबारकबाद नहीं’
उन्होंने आगे कहा, “मैं सभी से अपील करूंगा कि होली को बचाने के लिए एकजुट हो जाएं और इसलिए मैं सनातन बोर्ड बनाने की भी मांग करता हूं। हमारी यही कोशिश होगी कि अगली होली श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में धूमधाम के साथ मनाई जाए।” उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह ‘होली मुबारक’ नहीं बल्कि होली की शुभकामनाएं दें, क्योंकि मुबारक तो कुछ और होता होगा। हमारे यहां तो शुभकामनाएं दी जाती हैं।
त्योहार शांति से मनाने की अपील
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने होली के पर्व पर लोगों से अपील भी की। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार नशे और गुंडागर्दी मनाने का नहीं है, इसलिए सभी लोगों को कसम खानी चाहिए कि किसी भी पर्व पर नशा नहीं करना चाहिए और जुआ भी नहीं खेलना चाहिए। बता दें कि वृंदावन स्थित श्री प्रियाकान्त जू मंदिर में गुरुवार को देवकीनंदन महाराज ने हाइड्रोलिक पिचकारी का उपयोग करके भक्तों पर रंगों की वर्षा की। हाइड्रोलिक होली इस मंदिर में होली उत्सव की एक विशेषता है।
विगत आठ दिनों से श्री प्रियाकांत जू मंदिर में होली खेली जा रही है। मंदिर में होली उत्सव की शुरुआत विश्व शांति प्रार्थना और श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ के साथ हुई। कार्यक्रम के पहले दिन प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया, जिसमें हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज और सत्यमित्रानंद महाराज शामिल थे, जिन्होंने व्यासपीठ पूजन किया और भक्तों को संबोधित किया था।