इससे पहले 22 जून को हुई पिछली सुनवाई के दौरान एडीजीसी (फौजदारी) राजेश कुमार पांडेय ने राज्य पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा था, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था। साथ ही वादी गंगाराम बिंद को पुनः नोटिस जारी करने और अब्बास अंसारी को सीजेएम द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को अगली तिथि तक बढ़ाने का आदेश दिया गया था।
आज की तारीख (24 जून) को न्यायालय ने जमानत अर्जी तथा दोषसिद्धि और दंड को निलंबित करने की याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें अब्बास अंसारी स्वयं न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए।
क्या है मामला
यह प्रकरण शहर कोतवाली थाना क्षेत्र से जुड़ा है। अभियोजन के अनुसार, 3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान पहाड़पुर मैदान में आयोजित जनसभा में अब्बास अंसारी ने मंच से मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद “हिसाब-किताब” करने की धमकी दी थी। इस संबंध में उपनिरीक्षक गंगाराम बिंद की तहरीर पर एफआईआर संख्या 97/22 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस जांच के बाद अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी, और चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी के खिलाफ धारा 506, 171च, 171एफ, 186, 189, 153ए, 120बी भादवि के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
सीजेएम कोर्ट का फैसला
मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने आरोपियों को दोषी ठहराया था। अब्बास अंसारी को दो वर्ष की सजा और ₹11,000 का जुर्माना, जबकि मंसूर अंसारी को छह माह की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के विरुद्ध अब्बास अंसारी ने विशेष न्यायालय में अपील दाखिल की है, जिस पर आज सुनवाई हुई।