“निकाह का वादा कर बुलाया, फिर घर से भगा दिया” – छलकी युवती की पीड़ा
घायल युवती ने भावुक होकर बताया कि वह पिछले 7 महीनों से एक युवक के साथ प्रेम-प्रसंग में थी। दोनों फोन पर बात करते थे और रिश्ते में बंधने का सपना देख रहे थे। एक दिन पहले वह प्रेमी के साथ वाराणसी भाग गई, जहां युवक के परिवार और युवती की मां से बातचीत के बाद निकाह की रजामंदी मिल गई। लेकिन जैसे ही दोनों वापस मऊ लौटे, परिवार ने धोखा दे दिया। प्रेमी को कहीं छुपा दिया गया और युवती को घर से निकाल दिया गया। निकाह से इनकार और बेइज्जती ने युवती को तोड़ दिया और उसने आत्मघाती कदम उठाया।
डॉ. प्रदीप यादव, जिला अस्पताल मऊ के आकस्मिक कक्ष प्रभारी ने बताया की “युवती के सिर और पैरों में गंभीर चोट है। प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। कुछ टेस्ट के बाद ही स्थिति की गंभीरता का पता चल सकेगा। फिलहाल उसे निगरानी में रखा गया है।”
यह घटना सिर्फ एक प्रेम कहानी का अंत नहीं, बल्कि समाज और परिवार की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करती है। क्या युवाओं को प्रेम करने का अधिकार नहीं? क्या परिवार की रजामंदी सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है?
जब प्यार को रिश्ते में बदलने की कोशिश की गई, तब झूठा भरोसा, धोखे और सामाजिक दबाव ने एक और मासूम जान को मौत की ओर धकेल दिया।