गौरतलब है कि अब्बास अंसारी की जिस मामले में सजा होने से विधायिकी खत्म हुई है। वह अब्बास अंसारी के विधायक बनने से ही जुड़ा हुआ है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी सुभासपा से प्रत्याशी थे। इस दौरान उन्होंने चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान पहाड़पुर के मैदान में भाषण दिया था। जिस दौरान कहा था कि अखिलेश भैया से बात हुई है सरकार बनने पर किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं होगा, पहले उनसे हिसाब लिया जाएगा। इसी भाषण के मामले में मऊ नगर कोतवाली में मुकदमां दर्ज हुआ था।
2022 के चुनाव में अब्बास अंसारी विधायक तो बन गए लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ने लगीं। 3 वर्ष 28 दिन बाद ही मऊ न्यायालय में फैसला आ गया। जिसमें वो दोषी सिद्ध हुए और उनको दो वर्ष की सजा सुनाई गई।
माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे हैं अब्बास
मऊ सदर विधानसभा सीट जहां से अंसारी 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे, यह अब्बास अंसारी की पुश्तैनी जीत मानी जा रही थी ऐसा इसलिए है कि यहां पर अब्बास अंसारी लगातार पांच बार विधायक रहे और छठी बार मुख्तार ने अपने बेटे अब्बास को अपनी विरासत सौंपते हुए विधायक बनने में सफल रहा । हालांकि अब्बास के विधायक बनने के एक वर्ष बाद मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई।