एशियन गेम्स में देश के लिए चमकाया नाम
पारुल चौधरी वही एथलीट हैं जिन्होंने 2023 के एशियन गेम्स में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण और 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था।
गांव की पगडंडी से पुलिस सेवा तक का सफर
मेरठ के इकलौता गांव से ताल्लुक रखने वाली पारुल की कामयाबी सिर्फ खेल के मैदान तक सीमित नहीं रही। राज्य सरकार ने उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें डिप्टी एसपी की जिम्मेदारी सौंपी है, साथ ही रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। केंद्र सरकार की ओर से उन्हें 2023 में अर्जुन पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
देश के लिए पदक लाने का लक्ष्य अभी भी बरकरार
खाकी वर्दी पहनने के बाद भी पारुल का सपना देश के लिए और स्वर्ण पदक जीतना है। डिप्टी एसपी का पद संभालते ही वह बंगलूरू रवाना हो गईं, जहां वह आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी करेंगी।
नेशनल रिकॉर्ड बनाकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में बनाई जगह
हाल ही में उन्होंने दोहा में डायमंड लीग के दौरान 3000 मीटर स्टीपलचेज में 9:13.39 मिनट का समय निकालकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप टोक्यो के लिए क्वालीफाई किया।
सफलता का श्रेय परिवार और कोच को दिया
पारुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी धन्यवाद किया कि उन्हें देश सेवा का अवसर प्रदान किया गया। वर्दी में भी खेल की दुनिया में कायम रहेगा जलवा
पारुल चौधरी की यह उपलब्धि न केवल खेल जगत बल्कि यूपी पुलिस के लिए भी गर्व का विषय है। अब देखना होगा कि देश की यह बेटी वर्दी में रहते हुए भी खेल के मैदान में कैसे नए कीर्तिमान स्थापित करती है।