रेलवे द्वारा सर्वेक्षण के बाद, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इस कार्य को विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (सिंचाई) मिर्जापुर के माध्यम से पूरा किया जाएगा। सर्वेक्षण में जिन गांवों की भूमि को अधिग्रहण के लिए चिह्नित किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से रॉबर्ट्सगंज तहसील के दुलुरु, बगही, बसवा निस्फ, महुलिया, घुवास कलां, घुवास खुर्द, कूरा, मुड़िलाडीह, सलखन, और अन्य गांव शामिल हैं। इसके अलावा, घोरावल और ओबरा तहसील के भी कुछ गांव शामिल हैं।
यह परियोजना लंबे समय से चल रही मांग का हिस्सा है, जिसे अगस्त 2022 में रेलवे द्वारा मंजूरी दी गई थी। इसके लिए कुल 1424 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, जिसमें सोन नदी पर बनने वाले 1128 मीटर लंबे पुल का निर्माण भी शामिल है। इस पुल की लागत लगभग 230.30 करोड़ रुपये है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, और इसका सीधा लाभ लगभग 25 लाख लोगों को मिलेगा। रेलवे विभाग ने काम की गति को तेज कर दिया है, और अब इसे समय से पहले पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में नई रेलवे लाइन का निर्माण और दोहरीकरण न केवल राज्य के परिवहन नेटवर्क को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा और लाखों लोगों के लिए आसान यात्रा का रास्ता खोलेगा।