आठ माह में पकड़े जा चुके हैं चावल से भरे एक दर्जन वाहन, नहीं रुक रही गरीबों के निवाले की तस्करी
– माफिया व खाद्य विभाग की सांठगांठ, पांच दिन से कैलारस थाने में खड़ा है पी डी एस के चावल से भरा ट्रक, फूड विभाग ने नहीं दिया पुलिस को प्रतिवेदन, नहीं हुई एफ आई आर
मुरैना. पिछले कुछ दिनों से जिले में चावल माफिया सक्रिय है। जो गरीबों के लिए वितरित होने वाला को 20 रुपए किलो में खरीदकर राजस्थान में 40 रुपए किलो बेच रहा है। इस तस्करी में माफिया के साथ खाद्य विभाग के कुछ अधिकारियों की सांठगांठ हैं। विडंवना यह है कि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले में आंखे बंद किए हुए हैं। जिले में पिछले आठ महीने में पीडीएस शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर गरीबों के लिए वितरित होने वाले चावल के भरे एक दर्जन से अधिक वाहन विभिन्न थाना क्षेत्रों में पकड़े जा चुके हैं। उसके बाद भी माफिया हावी है। कैलारस, महाराजपुर, मुरैना गांव के लोग समूह बनाकर अधिकारियों व पुलिस से सांठगांठ करके चावल तस्करी का काम कर रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ पूर्व में एफआइआर की जा चुकी है, उसके बाद भी इनमें कार्रवाई का भय नहीं हैं, खबर है कि कुछ अधिकारियों व पुलिस स्टाफ की इनके साथ पार्टनशिप है, इसलिए वह बेखौफ चावल की तस्करी कर रहे हैं। कैलारस में पांच दिन पूर्व पुलिस ने एक गोदाम से चावल लोढ होते समय ट्रक को पकड़ा और उसको थाने ले जाया गया। पांच दिन से चावल से भरा ट्रक कैलारस थाना परिसर में खड़ा है लेकिन अभी तक एफआइआर नहीं कराई गई है। खबर है कि कैलारस के खाद्य अधिकारी नहीं चाह रहे हैं कि एफआईआर हो। उक्त माफिया के खिलाफ पूर्व में भी दो मामले चावल तस्करी के दर्ज हो चुके हैं लेकिन इस बार अधिकारी उसको बचाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी है, उसके बाद भी पांच दिन में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
चावल के भरा ट्रक थाने से छोडऩे पर तीन आरक्षक किए थे सस्पेंड जिले के कुछ थानों से चावल से भरे ट्रक माफिया से सेटिंग के बाद छोडऩे के मामले भी सामने आ चुके हैं। स्टेशन रोड थाने से तत्कालीन थाना प्रभारी के समय चावल से भरा ट्रक छोडऩे के मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की गई। चिन्नौंनी थाने से भी एक ट्रक छोड़ा गया था। इसी तरह 5 अप्रैल को सरायछौला थाना पुलिस ने चावल से भरे एक ट्रक को पकड़ा और थाने से छोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने आरक्षक अनिल राजपूत, वीरेन्द्र सिंह, असगर खान को सस्पेंड किया था। हालांकि थाना प्रभारी को अधिकारियों बचा दिया था।
फैक्ट्री की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल बानमोर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित एक फैक्ट्री से दिसंबर माह में पुलिस व प्रशासन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 160 बोरा पीडीएस के चावल जब्त किए थे। जबकि खबर है जिस समय कार्रवाई की गई, उस समय बड़ी मात्रा में पीडीएस के चावल के बोरा फैक्ट्री परिसर में रखे थे लेकिन जब्ती कम दिखाई गई। बताया गया है कि उक्त फैक्ट्री में गरीबों के लिए वितरित होने चावल को खरीदा जाता है और उसको साफ करने के बाद पैकिंग करके ब्रांडेड कंपनी के चावल के लेबिल लगाकर बाहर सप्लाई की जाती है।
ये हैं चावल तस्करी के कुछ मामले
25 जुलाई 2024 को बागचीनी थाना पुलिस ने चौखट्टा से चावल से भरा ट्रक पकड़ा गया। उसमें 85 क्विंटल चावल भरा था।
06 सितंबर 2024 को सरायछौला थाना पुलिस ने मुरैना से धौलपुर राजस्थान जाते समय ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा, उसमें 72 क्विंटल चावल भरा था।
12 दिसंबर 2024 को माता बसैया थाना पुलिस ने खेड़ा रोड से चावलों से भरे दो वाहनों को पकड़ा। उनमें 128 बोरी 60 क्विंटल चावल भरा था।
23 दिसंबर 2024 को बानमोर पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित सांई बाबा ऑयल्स से 160 बोरी जिसमें से 60 बोरी लोडिंग वाहन और 100 बोरी फैक्ट्री से जब्त की गई।
11 मार्च 2024 को सिविल लाइन थाना पुलिस ने अंबाह बाइपास रोड से 560 कट्टा चावल से भरा ट्रक जब्त किया, जो धौलपुर राजस्थान जा रहा था।
05 अप्रैल 2024 को सरायछौला थाना पुलिस ने चावल से भरा ट्रक पकड़ा और बाद में छोड़ दिया। उस चावल को बाद में मुरैना गांव में दो जगह से जब्त किया गया। कथन
कैलारस थाने में चावल से भरे ट्रक की कार्रवाई का प्रतिवेदन बनाकर जिले पर सक्षम अधिकारी को भेज दिया है। उक्त मामले में जल्द एफआइआर करवाई जाएगी। अरविंद माहोर, एसडीएम, सबलगढ़
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