ये मांगे रखी
पीडि़त पक्ष के 10 लोगों को बंदूक के लाइसेंस दिए जाएं।पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता दिलाई जाए।
परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाई जाए।
अपराधियों के मकान तोड़े जाएं।
ये दिया प्रशासन ने आश्वासन
पीडि़त परिवार के तीन लोगों को लाइसेंस दिए जाएंगे, आरोपियों के बंदूक के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे, आर्थिक सहायता के लिए नियमानुसार शासन को लिखा जाएगा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी के लिए एक प्रतिनिधिमंडल महापौर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलेगा और अपराधियों के मकान तोडऩे के लिए प्रशासन कोर्ट में मामले को लगाएगा, वहां से अनुमति मिलने पर मकान तोड़े जाएंगे।मौके पर दी आर्थिक सहायता
पीडि़त परिवार को महापौर शारदा सोलंकी, पूर्व विधायक सत्यपाल सिकरवार, जौरा विधायक पंकज उपाध्याय, बसपा नेता कुलदीप सिकरवार ने एक-एक लाख रुपए की मदद दी। इसके अलावा मौके पर समाज के अन्य प्रमुख लोगों ने किसी ने 21 हजार तो किसी ने 11 हजार की मदद देने की घोषणा की।पुलिस लाइन में बतियाते रहे आई जी व एसपी, नहीं पहुंचे मौके पर
मुरैना में जब जब लॉ इन ऑर्डर की स्थिति बिगड़ी है तब तब पुलिस अधीक्षक मुरैना मौके पर नहीं पहुंचे। हिंगौना खुर्द में रात को हुए मर्डर के बाद गांव में तनाव बढ़ गया, पूरे जिले का पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया लेकिन पुलिस अधीक्षक बंगले से ही स्थिति का जायजा मोबाइल व सैट पर लेते रहे। एसपी से भी ज्यादा ताकतबर अधिकारी चंबल संभाग के आई जी हैं जो रात को ग्वालियर से मुरैना तो आए लेकिन पुलिस लाइन में एसपी को बुलाकर बतियाते रहे और वापस ग्वालियर हो गए लेकिन उन्होंने मौके पर पहुंचना उचित नहीं समझा। यह कोई पहला घटनाक्रम नहीं हैं जब एसपी मौके पर नहीं पहुंचे। इससे पूर्व 28 फरवरी को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मर्डर के विरोध में लोगों ने रात को तीन घंटे शव को सडक़ पर रखकर हाइवे जाम किया तब भी एसपी बंगले से ही स्थिति का जायजा फोन पर लेते रहे। जबकि इससे पूर्व मुरैना का इतिहास रहा है जब भी लॉ इन ऑर्डर की स्थिति निर्मित हुई तो पुलिस अधीक्षक मौके पर जरूर पहुंचे हैं। खास बात यह है कि जब मुखिया ही सामने नहीं आएगा तो फोर्स का मनोबल तो गिरना लाजमी ही है। लोगों में चर्चा है कि एसपी साहब को भीड़ से एलर्जी या फिर उनके जेहन से बालाघाट का भय अभी तक निकला नहीं हैं। लेकिन इनको ये कौन बताए कि यह मुरैना हैं, बालाघाट नहीं।इन पर दर्ज हुआ अपराध
गिर्राज पुत्र जगमन गुर्जर, धर्मवीर पुत्र पंजाब गुर्जर, महेन्द्र पुत्र बद्री गुर्जर, भोलू पुत्र भूरा गुर्जर, ङ्क्षछगा पुत्र पतिया गुर्जर, श्यामू पुत्र पंजाब गुर्जर, तहसीलदार पुत्र बद्री गुर्जर, दीवान पुत्र रामदयाल गुर्जर, बॉबी पुत्र महेन्द्र गुर्जर, गब्बर पुत्र रामदयाल गुर्जर के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इनमें से आरोपी महेन्द्र गुर्जर, गब्बर गुर्जर, तहसीलदार गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है।- पीडि़त परिवार की जो मांगे थी, वह मान ली गई हैं, हत्या के मामले में दस लोगों को नामजद किया है, तीन को राउंडअप किया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पार्टियां रवाना हो गई हैं।