प्रोपर तराई नहीं होने से हुई सडक़ में दरारें
विभाग ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि सीमेंटीकरण की सडक़ पर पानी की अधिक आवश्यकता होती है, खासकर इन दिनों गर्मी अधिक है। उसके बाद भी सडक़ सूखी पड़ी है। यहां तराई ठीक से नहीं की जा रही है।सडक़ से हटाए डामर व गिट्टी को ले गई कंपनी
बागचीनी- नंदपुरा कैनाल मार्ग पर जहां- जहां बस्ती है, वहां पर सीमेंटी की सडक़ बनाई जा रही है। सडक़ की खुदाई के दौरान पूर्व से पड़े डामर व गिट्टी को निर्माण एजेंसी अपने प्लांट पर ले गई। उसको नए सिरे से डामर में मिलाकर सडक़ पर डाला जा रहा है, इस तरह की शिकायत ग्रामीण जनसुनवाई में कर चुके हैं।मिट्टी के डाले जा रहे हैं शोल्डर
सडक़ के दोनो तरफ बजरी व मिट्टी का शोल्डर बनाने का एस्टीमेंट विभाग ने तैयार किया था लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा शोल्डर के लिए सिर्फ मिट्टी डाली जा रही है, बजरी का नाम निशान भी नहीं हैं। इसको विभागीय अधिकारियों को देखना चाहिए लेकिन उनके द्वारा मॉनीटरिंग नही की जा रही है।ग्रामीणों की पीड़ा
बागचीनी सडक़ निर्माण में हो धांधली की शिकायत जनसुनवाई में की जा चुकी है। कुछ ग्रामीणों के साथ हम प्लांट पर भी गए। वहां मिट्टी मिलाकर चंबल नदी का रेत उपयोग किया जा रहा है।दिनेश सिकरवार, रहवासी
सडक़ निर्माण से पूर्व खरोंचकर पुराने डामर व गिट्टी को ठेकेदार के लोग प्लांट में ले गए। वहां से नए सिरे से मटेरियल तैयार करके पुराने डामर व गिट्टी को सडक़ निर्माण में डाला जा रहा है।रामप्रकाश सिकरवार, रहवासी
सरकारी निर्माण कार्य में नियमानुसार सिंध नदी के रेत उपयोग किया जाना चाहिए। लेकिन यहां प्रतिबंधित चंबल नदी के रेत उपयोग धडल्ले से हो रहा है।दिलीप सिकवार, रहवासी