पुलिस जांच में सामने आया है कि इनमें से कई महिलाएं 20 वर्षों से अधिक समय से भारत में रह रही थीं। ज़्यादातर महिलाएं बेहतर जीवन और काम की तलाश में बांग्लादेश से भारत आई थीं, लेकिन गरीबी, पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक असुरक्षा के चलते वे देह व्यापार की दलदल में फंस गईं।
पकड़ी गई एक बांग्लादेशी महिला ने बताया कि परिवार में कैंसर मरीज के इलाज के लिए पैसे की सख्त जरूरत थी, और घर में कमाने वाला कोई नहीं था। ऐसे में वह बिना वैध दस्तावेजों के भारत आई और मजबूरी में इस धंधे में उतर गई।
जांच के दौरान अन्य महिलाओं ने भी अपनी आपबीती सुनाई। एक अन्य बांग्लादेशी महिला ने बताया कि पति से तलाक के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उस पर आ गई। आर्थिक तंगी और अच्छी कमाई के लालच में वह अवैध तरीके से मुंबई आ गई और देह व्यापार में शामिल हो गई।
पुलिस का कहना है कि पकड़ी गई कई महिलाएं 25-26 साल की उम्र में वेश्यावृत्ति के धंधे में आती हैं, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ कमाई घटने लगती है। कुछ महिलाओं ने ये भी कबूला कि उन्होंने बांग्लादेश में अन्य महिलाओं को भारत में अच्छा पैसा कमाते देखा, जिससे वे भी इस रास्ते पर चल पड़ीं।
मुंबई पुलिस के अनुसार, भारत आने के लिए इन महिलाओं को 15 से 20 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। इस रकम में बॉर्डर पार कराने वाले दलालों और फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने का खर्च शामिल होता है।
मुंबई पुलिस लगातार अवैध प्रवासियों और मानव तस्करी के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। पकड़ी गई महिलाओं को कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके देश वापस भेजने की तैयारी की जा रही है। साथ ही पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है कि वे कैसे घुसपैठ कर पाईं और कैसे फर्जी दस्तावेज बनवाएं।