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मुंबई

महाराष्ट्र को मणिपुर बनाना चाहती है भाजपा, इन्हें दंगे पसंद है, नागपुर हिंसा पर विपक्ष का फूटा गुस्सा

Nagpur Violence : आदित्य ठाकरे ने कहा, जब बीजेपी शासन नहीं कर पाती है तो वह हिंसा और दंगे का सहारा लेती हैं।

मुंबईMar 18, 2025 / 08:02 pm

Dinesh Dubey

Devendra Fadnavis Amit Shah
महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। विपक्ष का आरोप है कि यह हिंसा बीजेपी की सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद जनता का ध्यान महत्वपूर्ण मुद्दों से भटकाना है। उनका कहना है कि बीजेपी और उसके सहयोगी मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं, ताकि समाज में तनाव पैदा किया जा सके और इसे राजनीतिक लाभ के लिए भुनाया जा सके।

BJP हिंसा का सहारा लेती है- ठाकरे

नागपुर हिंसा पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, “जब अफवाहे फ़ैल रहीं थी तो मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से कोई रिएक्शन क्यों नहीं आया, वो भी तब जब उस शहर से मुख्यमंत्री और गृहमंत्री आते हैं… कभी भी ऐसी घटना होती है तो पहला मैसेज सीएमओ, गृह विभाग को आता है। दोनों उनके (देवेंद्र फडणवीस) पास हैं तो क्या उन्हें पता नहीं था कि यह घटना होने वाली है। मुझे लगता है कि बीजेपी महाराष्ट्र का भी मणिपुर जैसा हाल करना चाहती है…राज्य में ऐसे कोई लोग है जो ये दंगे पसंद करते है।”
आदित्य ठाकरे ने कहा, “बीजेपी इस मामले में बेशर्म है क्योंकि यह घटना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के गृहनगर में हुई है। दुख की बात है कि जब बीजेपी शासन नहीं कर पाती है, तो वे हिंसा, दंगे का सहारा लेते हैं और हर राज्य में यही उनका तय फॉर्मूला है… वे 300-400 साल पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे भविष्य के बारे में नहीं बोल सकते। वे वर्तमान के बारे में नहीं बोल सकते।”
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नितेश राणे ने भड़काई आग- प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने नागपुर हिंसा को बीजेपी की साजिश बताया है। उन्होंने मंगलवार को दावा किया कि दिल्ली से नैरेटिव तैयार होता है, जिसे महाराष्ट्र में लागू किया जाता है। उद्धव गुट की सांसद ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री के संरक्षण में आग भड़काने का काम किया है।
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा, “मैं महाराष्ट्र के लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध करती हूं… महाराजा छत्रपति शिवाजी महाराज एक ऐसे नेता थे जो सभी को साथ लेकर आगे चलते थे… कुछ लोग महाराष्ट्र में सामाजिक माहौल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं… धर्म अपनी जगह है राजनीति अपनी जगह है दुर्भाग्यपूर्ण कुछ लोग राजनीति को धर्म की तरफ ले जाने का प्रयास कर रहे हैं…मैं सभी शांति बनाए रखने का आह्वान करती हूं…”

महाराष्ट्र को खत्म करना चाहती है BJP- नाना पटोले

कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, “अगर राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री इस घटना को पूर्व नियोजित कहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि यह सरकार और पुलिस की विफलता है। वह खुद नागपुर से हैं, अगर यह घटना वहां हो रही है, तो यह सरकार की विफलता है… वे न तो छत्रपति शिवाजी महाराज को मानते हैं, उनका एकमात्र उद्देश्य महाराष्ट्र को नष्ट करना है। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री का जवाब हर सवाल का जवाब है…अगर इस सरकार का भ्रष्ट तंत्र लोगों के सामने आ गया तो लोग इन्हें सबक सिखा देंगे… नागपुर में जो घटना हुई उसमें सरकार शामिल है।”
नागपुर हिंसा को विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने भी सरकार द्वारा प्रायोजित घटना करार दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाई जगताप ने नागपुर हिंसा के लिए महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र ऐसा कभी भी नहीं था।

ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया

वहीँ, एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख व लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागपुर हिंसा पर कहा, “पिछले कुछ हफ़्तों से महाराष्ट्र सरकार के सीएम और दूसरे मंत्री जो बयान दे रहे हैं, उसे देखने की ज़रूरत है। सबसे ज़्यादा भड़काऊ बयान सरकार की तरफ़ से आ रहे हैं… उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी का अहसास ही नहीं है कि वे मंत्री और सीएम हैं… पूरे महाराष्ट्र में एक बादशाह के पुतले बनाकर जलाए गए। कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई और तो आपको दिक्कत हो गई इसलिए उन्होंने कपड़े के एक टुकड़े जिस पर कुरान की आयतें लिखीं जाती है उसे जला दिया गया। जब यह हो रहा था, तब हिंदुओं और मुसलमानों ने डीसीपी से शिकायत की… उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद हिंसा हुई मैं इसकी निंदा करता हूं.. यह सरकार और इंटेलिजेंस की विफलता है।”

11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। इसी बीच, सोमवार देर रात नागपुर में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक चिह्न को जलाने की अफवाह फैली, जिसके चलते हिंसा भड़क उठी। हालात काबू में करने के लिए 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया। इस हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि एक डीसीपी रैंक के अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। हालांकि, अब वहां स्थिति सामान्य है और भारी पुलिस बल तैनात है।  

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