मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कार्यक्रम में यह सवाल पूछा गया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे में से संवाद में कौन बेहतर है? इस पर फडणवीस ने कहा कि अजित पवार और एकनाथ शिंदे दोनों ही संवाद में अच्छे नहीं हैं।
सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि उन्हें भरोसा है कि अजित पवार और एकनाथ शिंदे उन्हें इस बयान के लिए माफ कर देंगे। साथ ही उन्होंने शरद पवार की भी तारीफ करते हुए कहा कि, “उनकी राजनीतिक निरंतरता काबिल-ए-तारीफ है। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे लगातार सक्रिय रहते हैं, चाहे परिणाम कुछ भी हो।”
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद महायुति के भीतर सियासी हलचल बढ़ गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के विधायक अमोल मिटकरी (Amol Mitkari) ने इस टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि, “अगर संवाद को लेकर कोई समस्या थी, तो मुख्यमंत्री को यह बात चार दीवारों के भीतर उपमुख्यमंत्रियों से करनी चाहिए थी, न कि सार्वजनिक मंच पर।”
मिटकरी ने कहा, “क्या वास्तव में दोनों उपमुख्यमंत्री संवाद में कमजोर हैं, या फिर मुख्यमंत्री का ही संवाद हमसे कमजोर हो गया है? इसका पता लगाना आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी राय व्यक्त करने का समय निश्चित रूप से गलत था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के बयान से विपक्ष को खुश होने की कोई जरूरत नहीं है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनावों के चुनावी समीकरणों को लेकर महायुति के भीतर खींचतान की खबरें आ रही हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सीएम फडणवीस के बयान पर अजित पवार और एकनाथ शिंदे क्या प्रतिक्रिया देते हैं।