मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने स्पष्ट कहा कि अब तक राज ठाकरे की पार्टी मनसे और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच कोई औपचारिक गठबंधन नहीं हुआ है, अभी केवल भावनात्मक बातचीत का दौर चल रहा है।
उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर कहा, “राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे भाई हैं। हम सालों से साथ हैं और उनसे (राज ठाकरे) हमारा रिश्ता कभी टूटा नहीं। यह फैसला दोनों भाइयों को मिलकर लेना है कि वे एक साथ आएंगे या नहीं।”
गठबंधन के लिए कोई शर्त नहीं- राउत
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि उद्धव ठाकरे ने गठबंधन के लिए किसी प्रकार की कोई शर्तें नहीं रखीं हैं। राउत के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने केवल इतना कहा है कि महाराष्ट्र की भलाई के लिए अगर मनसे और शिवसेना (यूबीटी) को एक साथ आना पड़े, तो वे तैयार हैं। उन्होंने (उद्धव ठाकरे) कभी भी किसी शर्त की बात नहीं की। हालांकि, उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी संजय राउत ने यह भी कहा “उद्धव ठाकरे ने एक अहम भावना व्यक्त की है, कुछ ऐसे दल हैं जो खुद को महाराष्ट्र का शुभचिंतक बताते हैं, लेकिन असल में वे महाराष्ट्र के दुश्मन हैं। उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़कर महाराष्ट्र की अस्मिता पर हमला किया। ऐसे दलों से कोई संबंध नहीं रखेंगे तभी हम सच्चे महाराष्ट्रियन बन सकते हैं। यह कोई शर्त नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की जनता की भावना है।”
ठाकरे भाई साथ आएंगे तो खुशी होगी- फडणवीस
इस मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं, जिनसे सियासी हलकों में और भी हलचल मच गई है। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे इन दिनों सातारा जिले में स्थित अपने गांव दरे में हैं, जहां वे कुछ विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकियों को वे कैसे देखते हैं। यह सवाल सुनते ही एकनाथ शिंदे कुछ झल्लाए से नजर आए और उन्होंने कहा, “अरे जाने दो यार… कोई काम की बात करो…” उनके इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
दूसरी ओर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर कहा कि अगर कोई अपने पुराने मतभेद भुलाकर साथ आ रहा है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आते हैं, तो उन्हें खुशी ही होगी। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि फिलहाल ये चर्चाएं सिर्फ मीडिया में चल रही हैं, इसलिए जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है और थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए।
हालांकि, संजय राउत के ताजा बयान से यह साफ है कि राज ठाकरे की मनसे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) के बीच भले ही गठबंधन पर अभी कुछ ठोस कदम नहीं उठाया गया हो, लेकिन विचार-विमर्श और संभावनाओं के दरवाजे खुले हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों दलों में जारी यह भावनात्मक संवाद क्या राजनीतिक सहयोग में तब्दील होता है या नहीं।