मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए भयानक आतंकवादी हमले में शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल अंबादास पवार की पत्नी कल्पना पवार को महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस अधिकारी बना दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उन्हें परिविक्षाधीन पुलिस उपअधीक्षक (डीवायएसपी) पद पर सीधी नियुक्ति से जुड़ा आदेश प्रदान किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस नियुक्ति से एक बार फिर शहीद पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के प्रति सरकार की कृतज्ञता और संवेदनशीलता को दिखाया है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कल्पना पवार ने कहा, “मेरे पति की तरह अब मुझे भी देश सेवा का अवसर मिला है। यह सरकार किसानों की, मेहनती लोगों की, लाडली बहनों की और देश की रक्षा में बलिदान देने वाले शहीद वीरों की है, मेरी नियुक्ति से यह बात एक बार फिर साबित हो गई है।”
26 नवंबर 2008 की रात को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। तब कई बहादुर पुलिसकर्मी भी देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। आखिरकार सुरक्षाबलों ने चार दिन तक चले अभियान में 9 आतंकियों को मार गिराया, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया। 2012 में कसाब को महाराष्ट्र की येरवडा जेल में फांसी दी गई।
गौरतलब है कि कल्पना पवार के पति अंबादास पवार तब मुंबई पुलिस में कांस्टेबल थे और आतंकियों का सामना करते समय गोली लगने से शहीद हो गए थे। उस रात अंबादास पवार रात की ड्यूटी पर थे और सादे कपड़ों में सुरक्षा इकाई कार्यालय जा रहे थे। उनके पास कोई हथियार नहीं था। जब वह मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कुछ आतंकी स्टेशन पर गोलीबारी कर रहे हैं। चूंकि उनके पास हथियार नहीं था, इसलिए वह आतंकवादियों की गोली से गंभीर रूप से घायल एक जीआरपी अधिकारी के पास गए और उसकी राइफल लेकर आतंकवादियों पर गोली चलाई। हालांकि आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी और उनकी जान चली गई। शहीद अंबादास पवार को वीरता के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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