हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का मुद्दा उठाया है, लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 40.81 लाख मतदाता जोड़े गए, जबकि 2019 से 2024 के बीच 1.22 करोड़ मतदाता जोड़े गए थे।
वहीँ, शिरडी में एक इमारत के पते से 7,000 मतदाताओं के रजिस्टर्ड होने का राहुल गांधी का आरोप मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से पहले अगस्त 2024 में स्थानीय कांग्रेस कमेटी द्वारा दर्ज शिकायत से मेल खाता है। हालांकि, तब राहता तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पंकज लोंढे ने आयोग से फर्जी मतदाताओं को शिरडी के विशिष्ट क्षेत्रों से रजिस्टर्ड किए जाने की शिकायत की थी, न कि एक इमारत के पते से।
14 अगस्त 2024 को लोंढे ने चुनाव आयोग को लिखित शिकायत में कहा था, हमें पता चला है कि नए रजिस्टर्ड मतदाता शिरडी के निवासी नहीं हैं। इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि इन फर्जी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट की अंतिम सूची में शामिल न किया जाए और हम इस पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। ये मतदाता बाहरी लोग हैं और एक मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। यह रजिस्ट्रेशन शिरडी के खास इलाकों में हुआ है। इनमें से कई मतदाता पहले से ही अपने मूल निर्वाचन क्षेत्रों में रजिस्टर्ड हैं।
इसके अलावा, 29 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के छह दिन बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि मई 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य में मतदाताओं में 13% की चौंकाने वाली वृद्धि हुई है।
हालांकि इसके बाद कांग्रेस को जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर को बताया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच जोड़े गए मतदाताओं की संख्या 48,81,620 थी, जबकि 8,00,391 मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया. इस वजह से कुल 40,81,229 मतदाता बढ़ गए। इसमें 18-19 आयु वर्ग के 8,72,094 मतदाता और 20-29 वर्ष आयु वर्ग के 17,74,514 मतदाता शामिल है। इस प्रकार इस अवधि के दौरान कुल 40,81,229 मतदाताओं में से 18-29 आयु वर्ग के 26,46,608 युवा मतदाता जोड़े गए।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में यह कोई असामान्य बात नहीं है। आयोग ने अपने जवाब में कहा कि चूंकि हर साल 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग नामांकन के लिए पात्र होते हैं।
वहीँ, मतदाता सूची डेटा की बात की जाए तो चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को चुनाव से पहले अंतिम मतदाता सूची की दो कॉपी मुफ्त में दी जाती हैं। इसके अलावा मतदाता सूची चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध होती है।