scriptबड़े बदलावों की ओर सनातन धर्म, इस बार के महाकुंभ में 20% पिछड़ी जातियों के नागा साधु  | Sanatan Dharma is heading towards big changes, this time in Maha Kumbh 20% Naga Sadhus are from backward castes | Patrika News
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बड़े बदलावों की ओर सनातन धर्म, इस बार के महाकुंभ में 20% पिछड़ी जातियों के नागा साधु 

Mahakumbh 2025: इस बार का महाकुंभ कई कारणों से विशेष है। महाकुंभ में 15 हजार नागा साधु बनाए गए हैं। इनमे देश के कोने-कोने से लोग शामिल हुए हैं। इस बार के महाकुंभ में पिछड़ी, अनुसूचित जाती और जनजाति के लोग भी शामिल किये गए हैं।

प्रयागराजFeb 06, 2025 / 06:37 pm

Prateek Pandey

Mahakumbh
Mahakumbh 2025: महाकुंभ हमेशा से सनातन धर्म के लिए पावन और पवित्र आयोजन रहा है। इस बार का महाकुंभ कई मायनों में विशेष है। सरकार के भव्य, दिव्य और स्वस्थ्य महाकुंभ की बात हो या मेले में पधारे विदेशी सैलेनियों की। हर दिन महाकुंभ में नए कीर्तिमान स्थापित होते रहे हैं। 

क्या है महाकुंभ में विशेष 

Mahakumbh
आंकड़ों के अनुसार हर बार महाकुंभ में हजारों की संख्या में नागा साधु बनाये जाते रहे हैं। इस बार ये महज आंकड़ों तक सिमित नहीं रहा। समाज और देश के हर वर्ग के आध्यात्मिक उत्थान के लिए संत समाज ने बड़ा निर्णय लिया है। इस बार महाकुंभ में सनातन धर्म के पिछड़ी जातियों के साथ-साथ अनुसूचित जाती और जनजातियों के लोगों को भी आध्यात्म से जोड़ा गया है और उन्हें नागा साधु और साधु बनाया गया है। 

इस बार के महाकुंभ में कितने नागा साधु 

Mahakumbh
अखिल भारतीय अखाडा परिषद के महंत और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के कर्ताधर्ता रविंद्र पूरी जी महाराज के अनुसार इस बार के महाकुंभ में कुल 15 हजार नागा साधु बनाये गए हैं। इनमे 20% नागा साधु अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हैं। सनातन धर्म के सभी वर्गों को एक साथ लाने के लिए ये प्रयास किया गया है। इससे सनातन के विकास और सामाजिक बदलाव के संकेत साफ हैं। 

क्या होगा इसका असर ? 

Mahakumbh
विशेषज्ञों की मानें तो हिन्दू धर्म में ऊंच-नीच और जात-पात को लेकर बहस छिड़ी रहती है। कालांतर में इसके अर्थ का अनर्थ किया गया। सनातन धर्म के इस निर्णय से समाजिक समरसता के साथ-साथ एकता का भाव और सबको सम्मान का मिलेगा। इससे आध्यात्मिक जगत में हिस्सेदारी तो बढ़ेगी और सनातन धर्म को और मजबूती भी मिलेगी। नाग साधुओं के पिंड दान से यह संदेश जाता है कि सनातन धर्म विश्व के कल्याण के लिए विरक्ति के मार्ग से कभी डिगेगा नहीं।
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रविंद्र पूरी जी महाराज ने क्या कहा ? 

Ravindra Puri ji Maharaj, Mahakumbh
अखिल भारतीय अखाडा परिषद के महंत और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के कर्ताधर्ता रविंद्र पूरी जी महाराज ने पत्रिका से बातचीत में कहा, “देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयास की वजह से महाकुंभ सफल हुआ। इनके सहयोग सनातन धर्म नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इस बार महाकुंभ  में कुल 15 हजार नागा साधु बनाए गए हैं जिनमे 15% प्रतिशत यानी 3 हजार अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हैं।”

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