पिछले महीने लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) से करीब ढाई करोड़ महिलाएं लाभान्वित हुईं। लेकिन अब कुछ लाभार्थी महिलाओं का आरोप है कि सरकार हर दिन नए-नए नियम लागू कर रही है, जिससे लाभार्थियों की संख्या घट रही है। हालांकि सरकार की ओर से कई बार इन आरोपों का खंडन किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) की कई लाभार्थी महिलाओं को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान योजना) का भी लाभ मिल रहा है। लेकिन अब उन लाभार्थी महिलाओं को लाडकी बहन योजना का पैसा मिलना मुश्किल है।
बताया जा रहा है कि ये दोनों योजनाएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं और ऐसा कोई सरकारी परिपत्र भी नहीं है, लेकिन फिर भी पात्र महिलाओं को दोनों योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। एक लाभार्थी महिला ने दावा किया कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना की शुरुआत में उन्हें 1500 रुपये मिले थे। लेकिन जब पीएम किसान योजना शुरू हुई तो लाडकी बहिन योजना से केवल 500 रुपये मिले। वहीँ, एक अन्य लाभार्थी महिला का कहना है कि मुझे पिछले दो वर्षों से पीएम किसान योजना के पैसे मिल रहे है। मैंने लाडकी बहीन योजना का फॉर्म भरा था, फिर भी मुझे योजना का लाभ नहीं मिला।
हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) के लिए पात्रता तय करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रही है। उन्होंने बताया कि 28 जून 2024 और 3 जुलाई 2024 को पात्रता के मानदंड घोषित किए गए, जिनके आधार पर महिलाओं ने आवेदन किया। इसके बाद, जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति ने सभी आवेदनों की जांच की और पात्र एवं अपात्र महिलाओं की सूची तैयार की गई।
2100 रुपये का वादा अब तक अधूरा!
चुनाव के दौरान महायुति सरकार ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक महिलाओं को केवल 1500 रुपये ही मिल रहे हैं। इसलिए लाडली बहने सरकार से मांग कर रही हैं कि उन्हें वादे के मुताबिक उन्हें 2100 रुपये की किस्त हर महीने दी जानी चाहिए। महायुति सरकार ने कहा है कि राज्य की आर्थिकी स्थिति सुधरने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा, चुनाव के दौरान किए गए वादे पांच वर्षों के लिए होते है।