पलायन करने के बाद बंद हो गई थी पूजा
महंत स्वामी यशवीर ने दावा किया कि यह शिव मंदिर उनका है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले में इस स्थान पर पहले हिन्दू रहते थे। वे पलायन कर गए। फिर यहां 35 वर्षों से पूजा बंद हो गई थी। इस मंदिर को हवन के माध्यम से जागृत किया गया है। अब पूजा शुरू रहेगी। उन्होंने कहा, “यहां के मुस्लिम समाज के लोग हमारे भाई-बहन हैं। उनके पूर्वज हिंदू ही थे। शिव मंदिर इनके पूर्वजों का था। इसी कारण यह पुष्प वर्षा की गई है। जब इनको कोई जिहादी आकर भड़काते हैं तो ये लोग हिंदुओं पर चाकू-छुरा और गोली बरसा देते हैं।” मंदिर को लेकर क्या कहते हैं स्थानीय निवासी?
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद दो दिन में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। स्थानीय निवासियों ने कहा कि यहां बहुत पुराना और जर्जर मंदिर था जो आबाद हो रहा है। पहले यहां पर आबादी कम थी। यहां पर हिंदू समाज ने इस मंदिर को बनाया। यहां आबादी बढ़ती गई। हिंदू अपनी मर्जी से यहां से गए हैं। अपने धार्मिक स्थल पर अपना काम हो रहा है। फूलों की वर्षा हो रही है। भाईचारा बना है। अच्छी बात है।
मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहनलाल लद्दावाला मोहल्ले में कई साल पहले इस शिव मंदिर की स्थापना की गई थी। उस समय ये क्षेत्र हिंदू बाहुल्य हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे मुस्लिम आबादी बढ़ने के बाद हिंदू समाज के लोग यहां से पलायन कर गए और यह मंदिर काफी जीर्ण हो गया।