तीन साल में यूं आया परिवर्तन विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 में प्रदेश में मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) के कुल 9 पद स्वीकृत थे, जो 31 दिसम्बर 2024 में बढकऱ 13 हो गए। यानी 50 प्रतिशत बढ़ोतरी हो गई। इसी प्रकार अतिरिक्त मुख्य अभियंता के 20 पद थे, जो बढकऱ 27 हो गए। अधीक्षण अभियंता के प्रदेश में कुल 99 पद थे, जो बढकऱ 118 हो गए। इससे नीचे के अभियंताओं के पदों में वृद्धि की बजाए कमी हो गई। वर्ष 2021-22 में एक्सईएन के जहां 401 पद थे, वहां अब घटकर 379 हो गए, यानी करीब 5 फीसदी पद कम हो गए। एईएन के पद पहले 807 थे, जो अब 941 हुए हैं, जबकि वर्क लोड के हिसाब से अधिक बढ़ाने थे।
अतिरिक्त चार्ज का बोझ पीडब्ल्यूडी में अधिक पद खाली होने के कारण एक अभियंता के पास एक से अधिक चार्ज हैं। इसके कारण ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में अभियंताओं का प्रोजेक्टस साइट पर जाना संभव नहीं हो पाता है। इसका दुष्परिणाम यह है कि बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स ठेकेदारों की देख-रेख में ही चलते रहते हैं। इससे काम की गुणवत्ता पर संदेह बना रहता है। वहीं प्रत्येक जिले में कलक्टर के स्तर पर अधिशासी और अधीक्षण अभियंताओं की बैठकें होती रहती हैं, जिनमें अभियंता ज्यादातर समय व्यस्त रहते हैं। बैठकों में व्यस्त रहने के कारण अभियंताओं का साइट पर नियमित रूप से जाना संभव नहीं हो पाता है।
जल्द भरेंगे पद सावर्जनिक निर्माण विभाग में रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए प्रक्रिया चल रही है। जिन अभियंताओं के प्रमोशन अटके हुए हैं, उन्हें जल्द पूरा किया जाएगा और जो पद खाली रहेंगे, उन्हें नई भर्ती करके भरा जाएगा।
– डॉ. मंजू बाघमार, राज्यमंत्री, सावर्जनिक निर्माण विभाग