चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि क्रिटिकल केयर ब्लॉक में किसी भी गंभीर रूप से बीमार रोगी या घायल को जीवित रखने के लिए अच्छे अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में उच्च तकनीक वाले उपकरणों के माध्यम से निगरानी में रखकर उपचार किया जाएगा। इसमें 100 बेडेट क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल, इमरजेंसी व आईसीयू एवं 100 सीट का लेक्चर थियेटर बनाना प्रस्तावित है। ऐसे में आने वाले समय में जिला मुख्यालय पर चिकित्सा सुविधाओं का दायरा बढ़ेगा। मेडिकल कॉलेज शुरू होने से अब यहां न केवल चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि वर्तमान में जिन गंभीर मरीजों व घायलों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है, वो कम हो जाएंगे।
गौरतलब है कि क्रिटिकल केयर अस्पताल गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए सर्वोत्तम आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इसके लिए राजमेश ने करीब एक साल पहले सितम्बर 2023 में 44 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट जारी किया था।
रेफर करने की प्रक्रिया होगी बंद वर्तमान में गंभीर रूप से बीमार या फिर दुर्घटना में घायल होने से क्रिटिकल कंडीशन में पहुंचने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। इससे सफर के दौरान मरीज की हालत और ज्यादा खराब होने, कई बार सांसें उखड़ जाने का खतरा रहता है। ऐसे विकट संकट से मरीजों को बचाने के लिए जेएलएन अस्पताल परिसर में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक तैयार किया जाएगा।
आधुनिक जांच उपकरण भी खरीदेंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक के लिए राजमेश की ओर से जारी 44.50 करोड़ के बजट में 30 करोड़ 55 लाख का बजट सिविल वर्क के लिए है, जबकि 13.95 करोड़ का बजट इक्विपमेंट खरीदने के लिए दिया गया है। इस हॉस्पिटल में आधुनिक जांच उपकरण लगाए जाएंगे।
मोर्चरी का भी होगा विस्तार जेएलएन अस्पताल के लिए बालवा रोड पर आवंटित दस बीघा जमीन पर अस्पताल की मोर्चरी का विस्तार भी किया जाना है। साथ ही मेडिकल रिकॉर्ड रूम, लॉन्ड्री, रसोई आदि का निर्माण होगा।
जल्द शुरू करवाएंगे निर्माण कार्य नागौर के लिए स्वीकृत क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण जेएलएन अस्पताल के पास बालवा रोड पर खाली पड़ी जमीन पर किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। नक्शे में थोड़ा संशोधन किया है, जिसकी अप्रूवल मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करवाएंगे।
– प्रवीण सोनी, कार्यवाहक पीडी, आरएसडीसी, नागौर