scriptकरोड़ों खर्च करने के बावजूद नागौर जिलेवासियों को नहीं मिल रहा पीने का पानी | Patrika News
नागौर

करोड़ों खर्च करने के बावजूद नागौर जिलेवासियों को नहीं मिल रहा पीने का पानी

कई बार तय हुई डेडलाइन, सरकारें बदलती रही, लेकिन जिलेवासियों के कंठ अब भी प्यासे, नागौर व डीडवाना -कुचामन जिले में पहले नहरी परियोजना के तहत 4200 करोड़ रुपए खर्च किए गए, अब जल जीवन मिशन के तहत हो रहे करोड़ों खर्च, फिर भी जिला मुख्यालय से लेकर ढाणी तक लोग पानी के लिए परेशान

नागौरMay 14, 2025 / 11:12 am

shyam choudhary

Water crisis
नागौर. जिले के लोगों को हिमालय का मीठा पानी पिलाने के लिए पिछले 20 सालों में 4500 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, इसके बावजूद जिला मुख्यालय से लेकर ढाणियों तक लोगों के कंठ प्यासे हैं। पिछले 20 सालों में प्रदेश में एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस की सरकार रही और दोनों ही पार्टियों की सरकारों ने चुनाव में नागौर को मीठा पानी पिलाने के दावे -वादे किए, लेकिन आज भी लोग पानी के लिए परेशान हैं।
गौरतलब हे कि इंदिरा गांधी नहरी परियोजना के प्रथम व द्वितीय फेज में करीब 4200 करोड़ रुपए नागौर (डीडवाना-कुचामन सहित) खर्च किए गए और जिले के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए बार-बार डेडलाइन तय करते रहे। आखिर में जब पानी नहीं पहुंचा पाए तो अधिकारियों ने कागजों में पानी पहुंचाना बताकर काम समाप्त कर दिया। गांवों में पानी नहीं पहुंचने के बावजूद अधिकारियों एवं संबंधित ठेकेदारों का बचाव इसलिए हो गया, क्योंकि वर्ष 2019 में केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना शुरू कर दी, जिसके तहत जिले के लिए 1190.13 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया। इस योजना का काम जिले में दिसम्बर 2021 में शुरू हुआ और अब तक 398.03 करोड़ रुपए का ही काम हो पाया है।
विभाग का दावा

829 गांवों में नहर का पानी पहुंचा दिया

177 गांवों में जेजेएम योजना से पूर्व घर-घर पानी कनेक्शन जारी किए गए

652 गांवों में जेजेएम से घर-घर कनेक्शन देना निर्धारित किया गया
3,05,772 कुल घर-परिवार जिले में

82,116 घर-परिवार जेजेएम से पूर्व हर घर नल योजना से जुड़े

2,23,656 घरों को जेजेएम से जोडऩा निर्धारित किया गया

1,04,521 घरों को अब तक जेजेएम योजना हर घर नल योजना से जोड़ा गया
1,94,151 कुल घरों में दोनों योजनाओं के तहत नल कनेक्शन दिए गए।

अब बढ़ेगी पानी की किल्लत

इन दिनों गर्मी का समय चल रहा है, पिछले 10-12 दिन से बैक-टू-बैक पश्चिमी विक्षोभ आने से जिले में बारिश का दौर चला, जिसके कारण तापमान में गिरावट आई और पानी की डिमांड कम रही, लेकिन अब मंगलवार से तापमान में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। आने वाले एक-डेढ़ महीने तक तेज गर्मी पडऩे की संभावना है, ऐसे में जिले में पानी की मांग भी बढ़ेगी। ऐसे गांवों में जहां अब तक नहरी पानी पहुंचा ही नहीं, वहां हालात बिगड़ सकते हैं। हालांकि पीएचइडी व नहरी विभाग सभी गांवों में पानी पहुंचाने का दावा कर रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति अलग है। जिले के कई गांव आज भी ऐसे हैं, जहां आज तक नहरी पानी की बूंद तक नहीं पहुंची है।
जेजेएम का काम चल रहा है

जिले में जेजेएम के तहत 1190.13 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया। जेजेएम के तहत जिले में काम कराने के लिए कुल पांच पैकेज बनाए गए, जिनमें तीन पैकेज का काम चल रहा है, जबकि दो पैकेज की अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। नहरी परियोजना के तहत जिले के सभी 829 गांवों में पानी पहुंचा दिया था। जिले के कुल 3.05 घरों में अब तक 1,94,151 घरों को जल कनेक्शन से जोड़ दिया है, शेष को जोडऩे का काम चल रहा है।
– पीएस तंवर, अधीक्षण अभियंता, नहरी परियोजना, नागौर

Hindi News / Nagaur / करोड़ों खर्च करने के बावजूद नागौर जिलेवासियों को नहीं मिल रहा पीने का पानी

ट्रेंडिंग वीडियो