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नागौर

निराशाजनक : ऑनलाइन ठगी के मामले में मात्र 18 फीसदी राशि वापस दिला पाई पुलिस

पांच साल में 5178 मामले दर्ज हुए और पुलिस ने मात्र 482 मामलों में आरोपी चिह्नित कर 1631 आरोपियों को गिरफ्तार किया, पिछले पांच साल में करीब दो अरब रुपए की हुई ऑनलाइन ठगी

नागौरJun 19, 2025 / 11:17 am

shyam choudhary

online thugs

Photo- Patrika

नागौर. देशभर में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। पुलिस महकमे में साइबर एक्सपर्ट और उचित प्रशिक्षण की कमी के कारण मामलों में न तो पर्याप्त खुलासा हो पा रहा है और ना ही पीडि़तों को ठगी की राशि वापस मिल पा रही है। राजस्थान में पिछले पांच सालों में 5178 ऑनलाइन ठगी के मामले दर्ज किए गए, लेकिन इनमें से केवल कुछ ही मामलों में आरोपियों की पहचान हो पाई और कुछ ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी। पुलिस के रिकॉर्ड से स्पष्ट होता है कि ठगी की राशि की वापसी में भी पुलिस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। आंकड़े दर्शाते हैं कि ऑनलाइन ठगी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जबकि साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस को आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण की सख्त जरूरत है।
प्रदेश भर के थानों में पिछले पांच सालों में कुल 5178 मामले ऑनलाइन ठगी के दर्ज किए गए। जिनमें से मात्र 482 मामलों में ही आरोपी चिह्नित किए जा सके और 1631 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पीडि़तों को ठगी की राशि वापस दिलाने में पुलिस का रिकॉर्ड और भी ज्यादा खराब है। कुल 5178 मामलों में 01 अरब, 97 करोड़, 47 लाख, 95 हजार 576 रुपए एवं 236 डॉलर की ठगी हुई। जिनमें से पुलिस ने महज 526 प्रकरणों में 18 फीसदी यानी 36 करोड़, 20 लाख, 53 हजार 954 रुपए व 236 डॉलर की राशि पीडि़तों को वापस दिलवाई। ये जानकारी राज्य सरकार ने विधायक संदीप शर्मा की ओर से विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में दी गई।
ठगी करने वाले आईआईटीयन, पुलिस काम चलाऊ

प्रदेश में सरकार ने दो साल पहले हर जिला मुख्यालय पर साइबर थाने खोले थे। लेकिन आज तक न तो पूरा स्टाफ लगाया गया और जो लगाया गया, वो भी ट्रेंड नहीं हैं। नागौर जैसे कई जिलों में तो साइबर थानों के पास खुद का भवन तक नहीं है। वहीं दूसरी तरफ ठग आईआईटीयन और उच्च शिक्षित और तकनीक के जानकार हैं, जिन्हें पुलिस पकड़ नहीं पाती है। साइबर थानों में संसाधन और स्टाफ की कमी के कारण अधिकारी रहना ही नहीं चाहते है। नागौर के साइबर थाने में दो-तीन महीने से ज्यादा कोई अधिकारी नहीं टिका है। ज्यादातर स्टाफ भी साइबर मामले में अनट्रेंड है। यह हाल अन्य जिलों के भी हैं।
इनसे हुई ज्यादा ठगी

सरकार के गृह विभाग ने बताया कि ऑनलाइन ठगी की घटनाएं एचडीएफसी बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक, एक्सिस बैंक, कैनरा बैंक, इंडसइंड बैंक, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईएफई बैंक, सीबीआईएस बैंक, आईएफटी बैंक, आईआरआर बैंक, आईडीबीआई बैंक, पीएनबी बैंक तथा गूगलपे, फोन-पे, पेटीएम, टेलीग्राम, एयरटेल पेमेंट बैंक ऐप, ओएलएक्स, आरएमजीबी बैंक ऐप, ऐनीडेस्क ऐप, वाट्सएप लिंक आदि यूपीआई पैमेंट ऐप से सबसे ज्यादा ठगी हुई है।
प्रदेश में पिछले पांच साल में दर्ज ऑनलाइन ठगी के प्रकरणों की स्थिति

जिला – ऑनलाइ ठगी के दर्ज मामले – कुल प्रकरण, जिनमें राशि वापस दिलवाई

अजमेर – 127 – 14
ब्यावर – 23 – 2

नागौर – 26 – 2

टोंक – 101 – 3

केकड़ी – 2 – 0

डीडवाना – 55 – 4

शाहपुरा – 5 – 2
जयपुर – 989 – 76

दौसा – 132 – 9

अलवर – 347 – 36

भिवाड़ी – 55 – 6

कोटपूतली – 148 – 13

खेरथल – 72 – 0
सीकर – 163 – 18

झुंझुनूं – 57 – 4

नीम का थाना – 98 – 2

चूरू – 86 – 4

बीकानेर – 149 – 15

गंगानगर – 50 – 6
हनुमानगढ़ – 25 – 8

अनूपगढ़ – 5 – 0

भरतपुर – 255 – 18

सवाई माधोपुर – 56 – 0

धौलपुर – 43 – 5

करौली – 51 – 1
डीग – 297 – 52

गंगापुरसिटी – 19 – 0

जोधपुर – 366 – 69

फलौदी – 8 – 0

जैसलमेर – 79 – 12

बाड़मेर – 30 – 3
बालोतरा – 35 – 3

पाली – 52 – 2

जालौर – 49 – 4

सिरोही – 39 – 5

कोटा – 307 – 23

बूंदी – 37 – 3
झालावाड़ – 22 – 4

बारां – 26 – 3

उदयपुर – 349 – 40

भीलवाड़ा – 64 – 2

चित्तौडगढ़़ – 64 – 15

सलूम्बर – 15 – 5
राजसमंद – 56 – 8

बांसवाड़ा – 18 – 3

डूंगरपुर – 27 – 0

प्रतापगढ़ – 25 – 0

जीआरपी अजमेर – 12 – 3

एसओजी व एटीएस – 62 – 19
कुल – 5178 – 526

पूरा प्रयास करते हैं

साइबर ठगी के प्रकरणों को खोलने का पूरा प्रयास करते हैं, कई मामलों में सफलता भी मिलती है। जो मामले नहीं खुले हैं, उनमें टीमें लगी हुई हैं।
– उम्मेदसिंह (आरपीएस), प्रभारी साइबर थाना, नागौर

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