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नागौर

मिड-डे-मील की दरों में वृद्धि, विद्यार्थियों को मिलेगा बेहतर पोषण

अब बाल वाटिका व प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र 59 पैसे और उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र 88 पैसे का इजाफा

नागौरJun 29, 2025 / 07:48 pm

Mahendra Trivedi

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प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड-डे-मील) के तहत राजकीय विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले पोषाहर की दरों में बढ़ोत्तरी हुई है। अब बाल वाटिका व प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र 59 पैसे और उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र 88 पैसे का इजाफा हुआ है। विभाग ने पारदर्शिता को लेकर सप्ताहभर में बच्चों को मिलने वाले भोजन का मैन्यू व मैटेरियल कॉस्ट वॉल पेंटिंग से अंकित करवाने को लेकर भी निर्देश दिए हैं।

मैन्यू व दर को विद्यालय में वॉल पेंटिंग के जरिए दर्शाने को निर्देशित

आयुक्तालय, मिड-डे-मील के आयुक्त विश्व मोहन शर्मा की ओर से इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार पीएम पोषण योजनांतर्गत आयुक्तालय के 9 जून 2025 को जारी पत्र के तहत भारत सरकार के आदेशानुसार 1 मई 2025 से मैटेरियल कॉस्ट (कुकिंग कंवर्जन कॉस्ट) बढ़ाकर बाल वाटिका एवं प्राथमिक स्तर पर 6.78 रुपए प्रति छात्र व उच्च प्राथमिक स्तर पर 10.17 रुपए प्रति छात्र की गई है। साथ ही भारत सरकार के आदेशों के तहत विद्यालयों में अध्यनरत कक्षा प्री-प्राइमरी से 8 तक के विद्यार्थियों को विद्यालय प्रबंधन समिति, एनजीओ, अन्नपूर्णा महिला सहकारी समिति, स्वयं सहायता समूहों की ओर से उपलब्ध करवाए जाने वाले मध्याह्न भोजन में निर्धारित मैन्यू के तहत सप्ताह में 4 दिन रोटी, दाल व सब्जी निर्धारित की गई है। साथ ही मैन्यू व प्रति छात्र दर को विद्यालय में वॉल पेंटिंग के जरिए दर्शाने को लेकर निर्देशित किया गया है।

एक दिन डिमांड अनुसार उपलब्ध करवाया जाएगा भोजन

मिड-डे-मील योजना अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में किसी भी एक दिन स्थानीय मांग के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है। इस भोजन में कम से कम कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए 450 कैलोरी, 12 ग्राम प्रोटीन एवं कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 700 ग्राम कैलोरी तथा 20 ग्राम प्रोटीन का होना आवश्यक है। ताकि विद्यार्थियों को समुचित पोषाहार मिल सके।

सप्ताह में एक दिन फल दिया जाना अनिवार्य

आदेश के अनुसार सप्ताह में एक दिन विद्यार्थियों को फल दिया जाना अनिवार्य होगा। मिड-डे-मील योजना के अंतर्गत फल वितरण बच्चों को अतिरिक्त पोषण प्रदान करने और उनकी पोषण संबंधी स्थिति में सुधार करने के लिए वितरित किए जाते हैं। फल बच्चों को आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं। जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, फल वितरण बच्चों को स्कूल में अधिक नियमित रूप से आने और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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