बताते हैं कि इस प्रकार झाग से भरपूर, मिश्रित, काले, भूरे रंग का जल जो सिंक, शौचालय, लॉन्ड्री आदि से नालियों में जाता है। अपशिष्ट जल बेहद खतरनाक होता है। जमीन के अंदर जाने या फिर इसका जमाव होना भी पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन जाता है। ऐसे पानी का पीने के पानी की तुलना में तापमान थोड़ा अधिक होता है। ताजा सीवेज का रंग थोड़ा ग्रे होता है, जबकि पुराना सीवेज गहरे भूरे या काले रंग का होता है। ताजा सीवेज की गंध तैलीय और अपेक्षाकृत अप्रिय है, जबकि पुराने सीवेज में हाइड्रोजन सल्फाइड गैस और अन्य अपघटन उप-उत्पादों के कारण एक अप्रिय दुर्गंध होती है। यह प्रत्येक प्रकार से जहरीली होती है।
इनका कहना है
सीवरेज चेंबर्स से पानी लीकेज हो रहा है तो इस संबंध में जांच करा कर इसके समाधान के लिए आवश्यक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
रामरतन चौधरी, आयुक्त, नगरपरिषद नागौर