scriptNagaur patrika…सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी सैंकड़ो बीघा भूमि को निगलने के साथ भूजल को बना रहा जहरीला | Nag The water of the sewerage treatment plant is swallowing hundreds of acres of land and making the groundwater poisonous | Patrika News
नागौर

Nagaur patrika…सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी सैंकड़ो बीघा भूमि को निगलने के साथ भूजल को बना रहा जहरीला

-सीवरेज पानी का बना तालाब, आसपास के भवनों को गिरने का खतरा होने के साथ ही आबादी क्षेत्र संकट में पड़ा-सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाने वाला पानी, बीच रास्ते ही लीकेज होकर आसपास की भूमि को निगल रहानागौर. बालवा रोड हाउसिंग बोर्ड के पास सीवरेज ट्रीटमेंट का पानी इसमें जाने की जगह बाहर ही काफी […]

नागौरJun 01, 2025 / 10:08 pm

Sharad Shukla

-सीवरेज पानी का बना तालाब, आसपास के भवनों को गिरने का खतरा होने के साथ ही आबादी क्षेत्र संकट में पड़ा
-सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाने वाला पानी, बीच रास्ते ही लीकेज होकर आसपास की भूमि को निगल रहा

नागौर. बालवा रोड हाउसिंग बोर्ड के पास सीवरेज ट्रीटमेंट का पानी इसमें जाने की जगह बाहर ही काफी मात्रा में बहकर पूरे एरिया के भूजल को जहरीला बनाने के साथ ही जमीन भी खराब कर रहा है। इसके चलते सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के चेंबर्स से लीकेज हुए पानी का तालाब बन गया है। यह पानी अब न केवल जमीन से रिसकर धरती के अंदर भूजल के साथ पूरी जमीन को जहरीला बनाने में लगा हुआ है, बल्कि इसकी दुर्गन्ध के साथ निकल रही जहरीली गैस पूरे पर्यावरण को निगलने में लगी हुई है। जमाव हुए पानी को नहीं हटाए जाने के कारण पर्यावरण के साथ ही आसपास के भवनों की बुनियाद पर भी यह खतरा बन गया है। विशेष बात यह है कि शातिरों ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर बड़ा सा गड्ढा बनाकर उसमें डाल रहे हैं। इससे वहां पर एक बड़ा गंदे पानी का दूसरा बड़ा तालाब बन गया है। इसकी वजह से आसपास का पूरा माहौल ही जहरीला हो चुका है।
जमीन के अंदर जा रहा जहरीला पानी
पालीटेक्निक कॉलेज के सामने स्थित बालवा रोड पर पिछले कई दिनों से जमा सीवरेज का पानी पर्यावरण के लिए खतरा बनता जा रहा है। करीब 50 मीटर से भी ज्यादा जमीन के हिस्से पर फैला यह गंदा दूषित जल रिसकर जमीन के अंदर जाने लगा है। विशेषज्ञों की माने तो अंदर जा रहा यह जल नीचे के भूजल की गुणवत्ता प्रभावित करने के साथ ही अपने आसपास के भूजल को भी जहरीला करने लगा है। इसकी वजह से इस क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति अब बिगड़ती नजर आने लगी है। इसके अंदर जमा हुई गंदगी भी पानी के साथ मिलकर पूरे वातावरण को प्रदूषित करने में लगी है।
दूसरा बड़ा तालाब बना
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी कुछ शातिरों की ओर से ले जाने के लिए करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर एक बहुत बड़े गड्ढे में ले जाया जा रहा है। कई दिनों से यह काम चुपचाप किया जा रहा है। इसके चलते एक और दूसरा बड़ा तालाब बन गया है। सूत्रों की माने तो इस पानी को ले जाने में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट वालों की भी मिलीभगत है। बताते हैं कि यही कारण रहा कि कच्ची नाली बनाने के साथ ही गंदा पानी डाले जाने के लिए जेसीबी से बड़ा गड्ढा भी खोदा गया। जिसमें यह पानी जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ट्रीटमेंट प्लांट के जिम्मेदारों ने रोकने की जहमत नहीं की। जबकि यह पूरा कार्य उनकी जानकारी में किया गया। इससे इनकी नीयत पर सवालिया निशान भी उठने लगा है।
तो भरभराकर गिर जाएंगे भवन
गंदा पानी सीवरेज के जरिये इसके ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचता है। कुछ अर्सा पहले बालवा रोड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के रास्ते सीवरेज चेंबर्स का पानी लीकेज होने के कारण वहां खाली जमीन पर फैलने लगा। स्थानीय बाशिंदों की माने तो इसकी जानकारी उन लोगों की ओर से ट्रीटमेंट प्लांट के जिम्मेदारों को दी गई थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते जमीन के काफी बड़े हिस्से पर यह पानी फैल गया। बताते हैं कि इसके पानी के कारण आसपास स्थित सरकारी प्रतिष्ठानों के भवनों की नींव के अंदर पहुंचकर दीवारों को खोखली करने लगा। यहां पर स्थित अल्पसंख्य छात्रावास की दीवारों में जहां दरारें आ गई थी, वहीं निकट के अन्य भवनों की दीवारें भी गीली रहने लगी है।
बेहद खतरनाक होता है यह सीवरेज का पानी
बताते हैं कि इस प्रकार झाग से भरपूर, मिश्रित, काले, भूरे रंग का जल जो सिंक, शौचालय, लॉन्ड्री आदि से नालियों में जाता है। अपशिष्ट जल बेहद खतरनाक होता है। जमीन के अंदर जाने या फिर इसका जमाव होना भी पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन जाता है। ऐसे पानी का पीने के पानी की तुलना में तापमान थोड़ा अधिक होता है। ताजा सीवेज का रंग थोड़ा ग्रे होता है, जबकि पुराना सीवेज गहरे भूरे या काले रंग का होता है। ताजा सीवेज की गंध तैलीय और अपेक्षाकृत अप्रिय है, जबकि पुराने सीवेज में हाइड्रोजन सल्फाइड गैस और अन्य अपघटन उप-उत्पादों के कारण एक अप्रिय दुर्गंध होती है। यह प्रत्येक प्रकार से जहरीली होती है।
इनका कहना है
सीवरेज चेंबर्स से पानी लीकेज हो रहा है तो इस संबंध में जांच करा कर इसके समाधान के लिए आवश्यक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
रामरतन चौधरी, आयुक्त, नगरपरिषद नागौर

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