scriptन लाइसेंस, न उम्र, न हेलमेट, फिर भी किशोर चला रहे 350 सीसी वाली बाइक | Patrika News
नागौर

न लाइसेंस, न उम्र, न हेलमेट, फिर भी किशोर चला रहे 350 सीसी वाली बाइक

नागौर सहित प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चे चला रहे भारी-भरकम मोटरसाइकिलें, जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें, नियम बना दिया, लेकिन पालना नहीं, जिम्मेदारों की अनदेखी से नहीं हो रही कार्रवाई, कई बार होती हैं दुर्घटनाएं, फिर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार व अभिभावक

नागौरJan 23, 2025 / 11:09 am

shyam choudhary

bike
नागौर. जिम्मेदार अधिकारियों की ‘अनदेखी’ एवं अभिभावकों की ‘छूट’ के चलते किशोर -किशोरियां सडक़ों पर दुपहिया वाहन दौड़ा रहे हैं। यह न केवल सडक़ सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि यह किशोरों के भविष्य के लिए भी चिंताजनक है। बाइक चलाने वाले ज्यादातर किशोर न तो हेलमेट लगाते हैं और न ही वे लाइसेंस लेते हैं। चिंता का विषय यह भी है कि आजकल के किशोर, परिजनों के सामने जिद करके 350 सीसी वाले (बुलट) वाहन तक लेकर स्कूल एवं अन्य काम के लिए निकल जाते हैं और फिर एक-दूसरे से रेस करवाते हैं।
bike
बिना हेलमेट बुलट चलाता किशोर 
कई घरों के बुझ रहे हैं चिराग

केस एक – मेड़ता क्षेत्र के ओलादन गांव में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व एक विधवा महिला के दो बच्चों की सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। मरने वाले बच्चों में एक की उम्र 15 साल तथा दूसरे की 13 साल थी। दोनों भाई मोटरसाइकिल लेकर गांव जा रहे थे, रास्ते में दुर्घटना में दोनों गंभीर घायल हुए और उपचार के दौरान दोनों की मृत्यु हो गई। अब परिवार में एक भी पुरुष नहीं बचा है।
केस दो – शहर में करीब सात साल पहले पुलिस लाइन के सामने एक निजी विद्यालय के तीन बच्चे एक स्कूटर लेकर घर जा रहे थे। पीछे बैठे बच्चे में मजाक की तो स्कूटर चलाने वाले बच्चे का संतुलन बिगड़ गया और आगे चल रहे लोडिंग वाहन में जा गिरे। दुर्घटना में एक बच्चे की मौत हो गई, जो परिवार का अकेला चिराग था। तीनों बच्चों की उम्र 16 साल से कम थी।
bike
बिना हेलमेट स्कुटर चलाती बालिकाएं
जानिए क्या है नियम

विधानसभा में विधायक संदीप शर्मा ने सवाल लगाकर 16 वर्ष के किशोरों को लाइसेंस देने व वाहन चलाने से संबंधित जानकारी मांगी तो सरकार ने बताया कि मोटर यान अधिनियम,1988 की धारा 4(1) के परंतुक के अनुसार कोई भी व्यक्ति, जो 18 वर्ष से कम आयु का है, किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान नहीं चलाएगा। यदि कोई व्यक्ति 16 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है तो वह किसी सार्वजनिक स्थान में 50 सी.सी. से अनधिक इंजन क्षमता वाली मोटर साइकिल चला सकेगा। ऐसे आवेदकों को मोटरसाइकिल बिना गियर वाहन श्रेणी का चालक लाइसेंस प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मोटर यान नियम, 1989 के नियम 2 में परिभाषित एल-1 श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों पर चालन परीक्षण दिया जाता है तो भी आवेदक को चालन परीक्षण उत्तीर्ण करने पर मोटरसाइकिल बिना गियर वाहन श्रेणी का चालक लाइसेंस जारी किया जाता है।
न नियमों की जानकारी, न दिखा रहे रुचि

18 साल से कम उम्र के बच्चों को बड़ी-बड़ी बाइक थमाने वाले अभिभावकों को परिवहन विभाग के नियमों की जानकारी तक नहीं है। इसलिए 16 से 18 वर्ष तक के बच्चों को जारी होने वाले लाइसेंस को लेकर भी रुचि नहीं दिखाई जा रही। इसके पीछे प्रमुख कारण एक तो परिवहन विभाग की उदासीनता है, वहीं दूसरा अभिभावकों को जानकारी नहीं होना है। यही वजह है कि ऐसे लाइसेंस की संख्या नगण्य है।
कार्रवाई से परहेज

नागौर की सडक़ों पर बिना लाइसेंस व बिना हेलमेट भारी-भरकम वाहन दौड़ाने वाले किशोर खुद के साथ दूसरों की जान भी जोखिम में डालते हैं। यातायात नियमों की जानकारी नहीं होने व समझ की कमी के चलते ऐसे किशोर यातायात सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक साबित हो रहे हैं, इसके बावजूद परिवहन विभाग और यातायात पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज कर रहे हैं।
50 सीसी की बाजार में उपलब्ध भी नहीं

मोटर यान अधिनियम,1988 के तहत 16 से 18 साल के बीच के किशोरों को 50 सीसी की बिना गियर वाली बाइक चलाने की अनुमति लाइसेंस लेने के बाद दी गई है, लेकिन बाजार में 50 सीसी की बाइक उपलब्ध ही नहीं है। बिना गियर वाली मोपेड भी 70 सीसी की आती है। ऐसे में जो किशोर स्कूटर व बाइक चलाते हैं, वे सब नियम विरुद्ध है।
कार्रवाई करेंगे

वर्तमान में सडक़ सुरक्षा माह चल रहा है, इसमें स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को यातायात नियमों की जानकारी देंगे। साथ ही नियम विरुद्ध वाहन चलाने वाले किशोंरों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, जालोर

Hindi News / Nagaur / न लाइसेंस, न उम्र, न हेलमेट, फिर भी किशोर चला रहे 350 सीसी वाली बाइक

ट्रेंडिंग वीडियो