scriptRajasthan: ई-मित्र सेंटर पर युवक को आया हार्ट अटैक… गोल्डन ऑवर में देवदूत बने ऑपरेटर ने बचाई जान | Rajasthan: A young man had a heart attack at the e-Mitra center… Operator became an angel in the golden hour, saved his life | Patrika News
नागौर

Rajasthan: ई-मित्र सेंटर पर युवक को आया हार्ट अटैक… गोल्डन ऑवर में देवदूत बने ऑपरेटर ने बचाई जान

बुधवार को ई- मित्र काउंटर पर जन आधार कार्ड करेक्शन कराने आए एक युवक को हार्ट अटैक आ गया। आनन फानन में ई मित्र संचालक ने पीड़ित युवक को सीपीआर देकर जीवनदान देने में अहम भूमिका अदा की है।

नागौरJun 19, 2025 / 11:39 am

anand yadav

नागौर में सीपीआर देकर युवक की बचाई जान, पत्रिका फोटो

Nagaur: बुधवार को ई- मित्र काउंटर पर जन आधार कार्ड करेक्शन कराने आए एक युवक को हार्ट अटैक आ गया। आनन फानन में ई मित्र संचालक ने पीड़ित युवक को सीपीआर देकर जीवनदान देने में अहम भूमिका अदा की है। इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है और लोग ई- मित्र काउंटर संचालक की प्रशंसा कर रहे हैं।

सीपीआर देने से बची जान

नागौर के नया दरवाजा इलाके में स्थित एक ई-मित्र सेंटर पर बुधवार दोपहर जन आधार कार्ड में करेक्शन करवाने पहुंचे युवक को अचानक हार्ट अटैक आ गया। मौके की स्थिति देखकर ई- मित्र ऑपरेटर ने बिना समय गवांए मौके पर ही पीड़ित युवक को सीपीआर दिया जिसके चलते युवक की जान बच गई।
आमजन में सीपीआर प्रक्रिया को लेकर जागरूकता कम, पत्रिका फोटो

अचानक लड़खड़ाकर गिरा युवक

ई.मित्र संचालक सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि घटना बुधवार दोपहर के समय की है। नागौर में त्यागी मार्केट निवासी नरपत राम जन आधार कार्ड में करेक्शन करवाने के लिए पास ही में स्थित सोलंकी ई-.मित्र सर्विसेज पर पहुंचा था। वहां बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के दौरान युवक को तेज चक्कर आए और वह बेहोश हो गया।

सीपीआर दी तो आया होश

ई- मित्र ऑपरेटर ने युवक को संभाला और मालिश की.सीपीआर दी, जिसके थोड़ी देर बाद युवक नरपत को होश आ गया। हालांकि सामान्य होने के बाद परिजन भी पहुंच गए। डॉक्टर ने युवक को जरूरी जांच करने के बाद उसे घर भेज दिया है। अब नरपत राम की हालत ठीक है। घटना का वीडियो ई-मित्र सेंटर पर‌ लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
सीपीआर देने से बच सकती है मरीज की जान, पत्रिका फोटो

गोल्डन ऑवर में सीपीआर प्रक्रिया से लोग अनजान

विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार देश में अब भी इस तरह के पीड़ित शख्स को सीपीआर देने की प्रक्रिया से लोग बेखबर हैं। उचित प्रशिक्षण और जागरूकता के अभाव के चलते कई लोगों की रोजाना मौत हो जाती है। सड़क पर बस में चलते समय, वाहन चलाते समय या अन्य कोई कार्य करने वक्त हार्ट अटैक आने की सूरत में सीपीआर देकर मरीज की जान बचाने की संभावना काफी अधिक होती है।

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