गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाली मेधावी बेटियों को काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना व देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना के तहत स्कूटी मिलती है। लेकिन गत सरकार के कार्यकाल की वर्ष 2021-22 व 2022-23 की पात्र 177 बालिकाओं को सरकार बदलने के बाद स्कूटियां नहीं मिल पाई थी। जबकि इसके बाद के सत्र की बेटियों को स्कूटी मिल गई थी। बेटियों की इस पीड़ा को लेकर राजस्थान पत्रिका ने गत 3 अप्रेल को ‘प्रथम वर्ष में मिलने वाली स्कूटी से वंचित सैकड़ों प्रतिभावान छात्राएं, पूरी हो रही कॉलेज की पढ़ाई’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। नागौर के साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया, जिसके बाद अब सरकार चेती है।
यह है योजना राजस्थान सरकार की कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना व देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना के तहत 12वीं के बाद कॉलेज में प्रवेश लेने वाली मेधावी छात्राओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी वितरित की जाती हैं। दोनों योजनाओं के तहत पिछले चार-पांच साल में नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले की 1200 से अधिक छात्राओं को पात्र मानते हुए स्कूटी स्वीकृत की गई हैं। लेकिन वर्ष 2021-22 व 2022-23 में स्वीकृत 177 से स्कूटियां आज भी शोरूम में पड़ी हैं।
बैटरी और ऑयल बदलकर देंगे स्कूटी कॉलेज प्रशासन ने बताया कि शैक्षिक सत्र 2021-22 व 2022-23 की कुल 177 स्कूटियां लम्बे समय से शोरूम में पड़ी थी, जिसके कारण उनकी बैटटियां खराब हो गई। इसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर छात्राओं को स्कूटियां वितरित करने से पहले बैटरी व ऑयल बदला जाएगा, ताकि छात्राओं को परेशानी नहीं हो।
8 जुलाई से पहले करेंगे वितरित वर्ष 2021-22 व 2022-23 की 177 स्कूटी का वितरण शेष है, जिनको लेकर आयुक्तालय से दिशा-निर्देश मिल गए हैं। कम्पनी के शोरूम में रखी स्कूटियों की बैटरियां व ऑयल बदलने का काम चल रहा है। 8 जुलाई तक वितरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
– प्रकाश नारायण, जिला नोडल प्रभारी, स्कूटी योजना, नागौर