वीडियो : दलाल बोला : ‘कोख में बेटा है… खाओ, पियो मौज करो’ , जयपुर से आई पीसीपीएनडीटी टीम ने किया गिरफ्तार
पीसीपीएनडीटी टीम का कुचामन सिटी में डिकॉय ऑपरेशन, डॉक्टर की भूमिका संदेहास्पद, एनएचएम एमडी डॉ. भारती दीक्षित के निर्देशों पर एक पखवाड़े में तीसरी बड़ी कार्रवाई
नागौर. राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी टीम ने बुधवार को नागौर के कुचामन में सफल डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एमडी डॉ. भारती दीक्षित के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई में भ्रूण लिंग निर्धारण में शामिल एक दलाल को गिरफ्तार किया। वहीं अल्ट्रासाउंड मशीन को सीज कर डॉक्टर की भूमिका की पीबीआई थाना पुलिस जांच कर रही है। प्रथम दृष्टया डॉक्टर की भूमिका संदेहास्पद मिली है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि राजस्थान की टीम को सूचना मिली थी कि नागौर, सीकर, झुंझुनू आदि जिलों में एक दलाल गर्भवती महिलाओं को कुचामन में ले जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करवाता है। जिस पर टीम ने स्थानीय स्तर पर रेकी की तो सामने आया कि सूचना सही है। इस आधार पर पीसीपीएनडीटी (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994) टीम ने एक योजना बनाकर दलाल सुखराम पुत्र धन्नाराम जाट निवासी भंवरपुरा से संपर्क साधा और गर्भवती महिला को डिकॉय के रूप में उसके पास भेजा। जहां उसने 70000 रुपए लिए और गर्भवती डिकॉय महिला को सरकारी हॉस्पिटल मार्ग कुचामन स्थित मंगलम अल्ट्रासाउंड सेंटर पर ले गया। यहां जांच के बाद दलाल सुखराम ने खुशी का इजहार कर कोख में लड़का होना बताया और कहा कि ‘खाओ, पियो, मौज करो’।इस दौरान गर्भवती महिला का इशारा मिलते ही टीम ने दलाल को हिरासत में ले लिया। प्रथम दृष्टया डॉक्टर बीआर बांता पुत्र रामचंद्र जाट निवासी करणी कॉलोनी कुचामन सिटी ने इनकार किया कि उसकी कोई मिलीभगत नहीं है। हालांकि मामला संदिग्ध होने और महिला का एफ फॉर्म नहीं भरने, पंजीकरण रजिस्टर में एंट्री नहीं करने के चलते अल्ट्रासाउंड मशीन को सीज कर जब्त कर लिया गया। वहीं गर्भवती महिला से मिली जानकारी एवं आरोपी दलाल से पूछताछ में डॉक्टर की भूमिका संदेहास्पद लगी, जिस पर जांच की जा रही है।
जारी रहेगी कार्रवाई, ताकि बच सके लाडो इस अंतरराज्यीय कार्रवाई से भ्रूण लिंग निर्धारण के अवैध धंधे में लिप्त लोगों के बीच हड़कंपमच गया।वरिष्ठ आईएएस एवं एनएचएम एमडी डॉ. भारती दीक्षित ने कहा है कि वे लिंग चयन की बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर इस तरह की कार्रवाई जारी रखेंगे। यह कार्रवाई पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन और भ्रूण लिंग चयन को रोकने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। राजस्थान सरकार लंबे समय से लिंगानुपात में सुधार के लिए सख्त कदम उठा रही है और इस तरह के ऑपरेशन उसी दिशा में एक प्रभावी कदम है।
गुजरात, पंजाब के बाद टीम पहुंची नागौर उल्लेखनीय है कि राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम ने इसी 12 मई को गुजरात के ईडर में भी एक सफल डिकॉय ऑपरेशन किया। यहां से टीम ने डॉक्टर रौनक, दलाल शिल्पा और दलाल वीरभद्र के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए मशीन को सीज किया। इसी तरह टीम ने पड़ोसी राज्य पंजाब के अबोहर में 15 को ऑपरेशन करते हुए एक महिला दलाल शारदा देवी को गिरफ्तार किया। वहीं दूसरे दलाल राजीव कुमार की तलाश जारी है एवं डॉक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है।
जब टीम ने पकड़ा था 72 वर्षीय बुजुर्ग को हैरानी की बात है कि लोग पैसे के लालच में कन्या भ्रूण हत्या करवाने जैसा घिनौना कृत्य करने में संकोच नहीं कर रहे, जबकि समाज में अब काफी परिवर्तन आया है और बेटा-बेटी का भेद पहले से कम हुआ है। पिछले दिनों जब टीम ने पंजाब में कार्रवाई की तो उसमें बड़ी चौंकाने वाली बात सामने आई कि भ्रूण लिंग जांच करवाने वाली मुख्य दलाल एक महिला थी, वो भी 72 वर्षीय बुजुर्ग। वह अबोहर के सिविल हॉस्पिटल में सरकारी नौकरी से सेवानिवृत हो चुकी है और उसके दो लड़के और दो लड़कियां है, जो अच्छे नौकरी पेशे में है। सरकारी पेंशन के साथ ही अबोहर के प्रतिष्ठित अमृत मॉडल स्कूल के ठीक सामने महिला की कोठी है, जिसमें वह वर्षों से क्लिनिक चला रही है और यहीं प्रसव करवाती है। पूछताछ में उसने बताया कि वह प्रशिक्षित है इस कारण अबॉर्शन भी करवाती है। इसी तरह डॉक्टर भी बड़े परिवार से है। मूलतः अबोहर के रहने वाले और श्रीगंगानगर में विवाहित इस डॉक्टर के खुद के दो बेटियां है। पत्नी पंजाब विद्युत विभाग में नौकरी करती है।
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