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नारायणपुर

Narayanpur: ग्रामीणों ने चक्का जाम कर खोला मोर्चा, माइंस के वाहन थमे, जानें मामला…

Narayanpur: बेरोजगार युवकों को अपने भरण पोषण के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसके साथ ही पहाड़ी से लाल पानी किसानों के खेतों में जा रहा है।

नारायणपुरDec 07, 2024 / 01:03 pm

Laxmi Vishwakarma

Narayanpur
Narayanpur: रावघाट परिजनों में प्रभावित खोडग़ांव के ग्रामीण बीएसपी प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए है। इसमें ग्रामीणों खोडग़ांव में चक्काजाम कर माइंस के वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगाते हुए 4 सूत्रीय मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है।

Narayanpur: बीएसपी नहीं उठा रही कोई कारगर कदम

जानकारी के अनुसार रावघाट परियोजना के अंतर्गत बीएसपी प्रबंधन ने माइंस शुरू होने के पूर्व प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवकों को शत प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। इसके अंतर्गत करीब 900 बेरोजगार युवकों को रोजगार प्रदान किया जाना था। लेकिन 2 साल में बीएसपी प्रबंधन ने सिर्फ 71 यूबको रोजगार उपलब्ध कराया है। इसके बाद बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने में बीएसपी कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है।

ग्रामीणों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई थी। इससे ग्रामीणों ने 2 घंटे तक अपनी मांगों लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। इस दौरान ग्रामीणों ने लाल पानी से बर्बाद हुए खेत के किसान को मुआवजा प्रदान करने, बेरोजगार युवकों को शतप्रतिशत रोजगार प्रदान करने, खोड़गांव में शुरू होने वाले खनन की पूरी जानकारी प्रदान करने एव अंजरेल माइंस में कार्यरत मजदूर किसके अंतर्गत होने की मांग को लेकर तहसीलदार सौरभ कश्यप को ज्ञापन सौंपा है।
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इस ज्ञापन को सौंपकर खोडग़ांव के ग्रामीणों ने 15 दिन का अल्टीमेटम जिला प्रशासन एवं बीएसपी प्रबंधन को दिया हैं। इसके बावजूद इन मांगों पर विचार नहीं करने पर ग्रामीणों ने फिर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। बेरोजगार युवकों को अपने भरण पोषण के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसके साथ ही पहाड़ी से लाल पानी किसानों के खेतों में जा रहा है।

अंजरेल माइंस में देव माइनिंग कर रही खनन का कार्य

Narayanpur: खेत की पूरी मिट्टी लोहायुक्त हो जाती है। किसान के खेत में फसल नहीं उग पा रही है। इस लाल पानी के कारण खेत बर्बाद हो रहे है। किसानों के सामने जीवन यापन करने की समस्या खड़ी हो रही है। इसके बावजूद बीएसपी प्रबंधन किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए कोई पहल नहीं कर रही है।
इसके साथ ही अंजरेल माइंस में कार्यरत मजदूर किस कंपनी ने अंतर्गत आते हैं? इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं है। इसमें अंजरेल माइंस में देव माइनिंग खनन का कार्य कर रही है। जहां पर प्रभावित ग्रामों युवक मजदूरों का कार्य करते है। इससे मजदूर देव माइनिंग के है या फिर बीएसपी प्रबंधन के अंतर्गत आते है।

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