डिवीजनवार बकाया राशि
नर्मदापुरम डिवीजन में 1559 कनेक्शनों पर 5.60 करोड़ रुपए, इटारसी में 11543 कनेक्शनों पर 25.44 करोड़ रुपए, पिपरिया में 1450 कनेक्शनों पर 5.91 करोड़ रुपए और सोहागपुर में 838 कनेक्शनों पर 2.56 करोड़ रुपए का बकाया है। कनेक्शन काटने की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, बीते दो दिनों से बिजली कंपनी ने सरकारी दफ्तरों की बिजली काटने का काम शुरू कर दिया है। इसके तहत जुमेराती स्थित उत्कृष्ट विद्यालय, लोक निर्माण विभाग और आदिवासी विभाग की विभिन्न शाखाओं की बिजली काटी गई है। बिजली कनेक्शन कटने के बाद लोक निर्माण विभाग और आदिवासी विभाग ने तत्काल बिजली का बिल जमा कराकर आपूर्ति बहाल कराई।
वसूली के लिए सख्त कदम
डीजीएम बिजली कंपनी नर्मदापुरम अवधेश त्रिपाठी के अनुसार, नियमित बिल जमा नहीं करने से जिले के सरकारी विभागों में 17 करोड़ से अधिक का बिजली बिल बकाया है। बिल जमा कराने के लिए पूर्व में विभागों को नोटिस जारी किए गए थे। अब कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है। कनेक्शन काटने के बाद कुछ विभागों ने राशि जमा की है।
इटारसी में वसूली अभियान
इटारसी में बिजली कंपनी ने बकाया वसूली अभियान तेज कर दिया है। गुरुवार को पीपल मोहल्ला स्थित वन परिक्षेत्र कार्यालय की बिजली लाइन काट दी गई। बताया जा रहा है कि वन परिक्षेत्र कार्यालय का 19 हजार रुपए का तीन माह का बिल बकाया था। बिजली लाइन कटने के बाद कार्यालय के कर्मचारी इमरजेंसी लाइट में काम करते नजर आए। बुधवार को शहर के सूरजगंज स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय सहित कुछ अन्य स्कूलों की बिजली लाइन भी काट दी गई। प्रभावित विभागों की सक्रियता
बिजली कनेक्शन कटने के बाद संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया। वन परिक्षेत्र के रेंजर महेंद्र गौर ने बताया कि वरिष्ठ कार्यालय को इस मामले की सूचना दे दी गई है। वहीं, बिजली कंपनी ने सभी विभागों को बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किए हैं।
वसूली अभियान जारी
बिजली कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वित्तीय वर्ष के समाप्त होते ही बकाया वसूली अभियान में तेजी लाई जाएगी। जिले में सरकारी विभागों की लापरवाही के चलते बिजली बिल की देनदारी बढ़ती जा रही है। विभागों से बार-बार नोटिस के बावजूद भुगतान न होने पर बिजली काटने का निर्णय लिया गया है।
सरकारी विभागों की लापरवाही
बिजली कंपनी ने बताया कि जिले में सरकारी विभाग बिजली कंपनी के सबसे बड़े बकायादार बने हुए हैं। विभागों द्वारा नियमित बिल भुगतान न करने से वसूली में दिक्कतें आ रही हैं।